कपास के बिजनेस व्यापार के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. लेकिन कुछ किसानों के लिए सुखद खबर जरूर है. एक रिपोर्ट बताती है कि इस सीजन में पूरी दुनिया में कपास का उत्पादन घटेगा. ऐसा अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत में इसकी पैदावार बड़े पैमाने पर गिर सकती है. ये वहीं देश हैं जो पूरी दुनिया में कपास की सप्लाई करते हैं. फिर उसी कपास से तरह-तरह के कपड़े और बाकी के प्रोडक्ट बनते हैं. इस लिहाज से देखें तो उत्पादन में गिरावट का बुरा असर व्यापार पर दिखेगा. हालांकि वैसे किसान इस हालात का फायदा उठा सकते हैं जिन्होंने पहले से अपनी पैदावार को बचाकर रखा है.
'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा सीजन में कपास के भाव भले गिरावट में हों, लेकिन अगले साल इसमें तेजी रहेगी. ऐसे में उन किसानों को फायदा हो सकता है जिन्होंने अपनी पैदावार रोक कर रखी है. कई किसान ऐसे हैं जो अपनी उपज इसलिए नहीं बेच रहे क्योंकि उन्हें आगे दाम में वृद्धि की उम्मीद है. ऐसे किसान अगले साल अच्छी खासी कीमत पा सकते हैं.
रिपोर्ट में एक बड़ी बात ये बताई गई है कि कपास का उत्पादन गिरने का असर कपड़ा उद्योग पर नहीं दिखेगा क्योंकि इस क्षेत्र में कई विकल्पों पर काम शुरू हो गया है. कपड़ा उद्योग अब सिंथेटिक और ब्लेंडेड फाइबर पर फोकस कर रहा है जिससे कपास पर उसकी निर्भरता घटी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर कपास के उत्पादन में तकरीबन पांच फीसद की कमी रह सकती है. इस कमी के पीछे चीन और अमेरिकी में कम हुई खेती को जिम्मेदार बताया जा रहा है. इसी तरह भारत में खराब मौसम का बुरा असर कपास उत्पादन पर देखा जा रहा है.
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रिपोर्ट कहती है कि विश्व बाजार में कपास की सप्लाई में शॉर्टेज रहने की आशंका है. लेकिन मांग भी गिरी हुई रहेगी क्योंकि अमेरिका और यूरोप में मंदी का असर साफ देखा जा रहा है. इन देशों में वित्तीय मोर्चे पर अच्छी खबर नहीं है और लोग कपड़े पर बहुत अधिक खर्च नहीं कर रहे हैं. इस तरह भारत से विदेशों के लिए बहुत बड़े मांग की संभावना कम है. लेकिन अगले साल तेजी जरूर देखी जा सकती है.
भारत में अभी कपास का भाव 7200-7300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि कॉटनसीड का दाम 3200-3300 रुपये प्रति क्विंटल है. अगर कॉटनसीड का भाव आगे और भी गिरता है तो केंद्र सरकार को एमएसपी पर इसकी खरीद करने का फैसला लेना होगा ताकि किसानों को राहत दी जा सके. इस साल सरकार ने कपास की एमएसपी 6620 रुपये निर्धारित की है. एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत में इस बार पैदावार भले ही कम हो, लेकिन क्वालिटी बेहतर है जिससे किसानों की कमाई बढ़ने की पूरी संभावना है.
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