Lucknow News: राजधानी लखनऊ के मलिहाबादी दशहरी आम की मांग कई प्रदेशों के साथ ही विदेश में भी रहती है. इसी क्रम में लखनऊ के डीएम विशाख जी अय्यर ने मलिहाबाद में स्थित आम के बागों का दौरा किया. उन्होंने बागवानों से मुलाकात कर आम की खेती में अपनाई जा रही नई तकनीकों का जायजा लिया. उन्होंने किसानों द्वारा आम की खेती में प्रयोग की जा रही कवच बैगिंग तकनीक को देखा. इस तकनीक को आम की गुणवत्ता में सुधार और कीट नियंत्रण के लिए उपयोगी बताया. डीएम ने बागवानों को मैंगो पैक हाउस से जुड़कर आम के निर्यात में भागीदारी बढ़ाने का सुझाव दिया.
मलिहाबादी दशहरी आम को जीआई-125 यूजर सर्टिफिकेट मिलने पर डीएम विशाख जी अय्यर ने समिति को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सर्टिफिकेट मलिहाबादी दशहरी आम को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगा. किसानों को उद्यान विभाग की योजनाओं की जानकारी देकर उनका लाभ उठाने को कहा. विशाख जी ने उपस्थित किसानों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया.
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस बार दशहरी आम एक हफ्ता देरी से बाजार में आएगा. क्योंकि अभी पूरी तरह से इसे पकने में वक्त लगेगा. दशहरी आमों को कीड़े मकोड़े और मौसम की मार से बचाने के लिए उनकी बैगिंग कर दी गई थी. अभी तक आमों पर बैगिंग है, जिसे हटाया नहीं गया है. 5 जून के बाद इसे हटा कर देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर दशहरी को बिना पके तोड़ लेंगे, तो इसका असली स्वाद लोगों को नहीं मिलेगा. क्योंकि, दशहरी विदेश तक भेजा जाता है. बिना पके जल्दी में दशहरी को भेज देंगे, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी छवि खराब होगी.
बता दें कि पिछले वर्ष आम की पैदावार डेढ़ लाख मीट्रिक टन हुई थी, लेकिन इस वर्ष उत्पादन लगभग एक लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है. मलिहाबादी दशहरी आम का निर्यात पिछले वर्ष दुबई, मस्कट, बहरीन और यूएई में हुआ था. मलिहाबाद के एक आम बाग के मालिक, परवेज़ खान कहते हैं कि मलिहाबाद अपने आमों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. आम की अधिकतम आपूर्ति मलिहाबाद से महाराष्ट्र में होती है. वर्तमान में, हमारे पास मुंबई से सबसे अधिक ऑर्डर हैं. 10 जून के बाद आम आपूर्ति के लिए तैयार हो जाएंगे."
उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सुबह-शाम को ठंडी हवाएं चलीं, लेकिन दिन में धूप हो जाने से संतुलन बन जा रहा है. इस बार अब तक बौर के सीजन में बारिश भी नहीं हुई. इस वजह से फंगस नहीं लगी और न ही कोई और रोग लगा है. इस बार की फसल को देखकर लग रहा है कि इसकी भरपाई हो जाएगी. जिस कारण किसानों में खुशहाली है और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश आम के उत्पादन में देश में सबसे आगे है.
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