Cummin Price: जीरे के दाम ने बनाया नया र‍िकॉर्ड, 51 हजार रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के पार हुआ भाव

Cummin Price: जीरे के दाम ने बनाया नया र‍िकॉर्ड, 51 हजार रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के पार हुआ भाव

एक साल में ही डबल हो गया जीरा का दाम. पांच सौ रुपये प्रत‍ि क‍िलो से अध‍िक हुआ भाव. अन्य वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं जैसे तुर्की और सीरिया में फसलों पर अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है, जिससे भारत वर्तमान में वैश्विक बाजारों के लिए एकमात्र आपूर्तिकर्ता के रूप में रह गया है. 

जीरे की कीमतों में हुई बढ़ोतरीजीरे की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
सर‍िता शर्मा
  • Gujarat,
  • Jun 20, 2023,
  • Updated Jun 20, 2023, 12:50 PM IST

गुजरात की ऊंझा मसाला मंडी में 19 जून सोमवार दोपहर में जीरा का भाव 51,259.05 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई को छू गया. यानी इसका दाम 500 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गया है. जीरे की महंगाई से जहां क‍िसान खुश हैं वहीं इससे उपभोक्ता चिंतित हैं. बाजार सूत्रों के अनुसार अब तक जीरे की आवक करीब 1.29 लाख टन रही है. फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (FISS) के फसल अनुमान के अनुसार, जीरे का उत्पादन 2022-23 के लिए लगभग 3.84 लाख टन (प्रत्येक 55 किलोग्राम के 69.96 लाख बैग) होने की संभावना है, जो पिछले साल के 3.01 लाख टन से 28 प्रतिशत अधिक है. ऐसा गुजरात और राजस्थान के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में रकबे में 12.9 प्रतिशत की वृद्धि की वजह से हुआ है.

जीरा कोई बड़ी खपत वाली वस्तु नहीं है. यह एक आवश्यक वस्तु भी नहीं है. इसलिए इसकी कीमतों का दोगुना होना उपभोक्ताओं को प्रभावित करता है. वैश्विक बाजारों में वर्तमान में भारत ही एकमात्र आपूर्तिकर्ता है. इसलिए निर्यातक अधिक कीमतों पर भी खरीदने के ल‍िए मजबूर हैं. मार्केट एक्सपर्ट अजय केडिया ने कहा क‍ि जीरा अपच, वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल और सूजन के लिए पारंपरिक उपचार के लिए काम आता है, कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, उपभोक्ताओं को अब इसके ल‍िए अपनी जेब में थोड़ी ढीली करनी होगी. 

भारत जीरे का बड़ा आपूर्त‍िकर्ता 

एनसीडीईएक्स पर दिसंबर 2022 में जीरे का दाम 25,085 प्रति क्विंटल था. यानी तब से अब तक यह डबल होकर 50 हजार रुपये क्व‍िंटल के पार हो गया है. हालांकि दाम बढ़ने के बावजूद उपभोक्ताओं द्वारा की जाने वाली खपत और निर्यातकों के न‍िर्यात में कटौती की कोई संभावना नहीं है. अन्य वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं, तुर्की और सीरिया को फसलों पर अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है, जिससे भारत वर्तमान में वैश्विक बाजारों के लिए एकमात्र आपूर्तिकर्ता के रूप में रह गया है. इससे बीज मसाले के लिए तेजी की भावना को और बढ़ावा मिलने की संभावना है. 

मसाला विशेषज्ञ प्रेमचंद मोट्टा ने सुझाव दिया कि बीज मसाले में और तेजी की संभावना है. उन्होंने कहा, "आपूर्ति सीमित होने के कारण जीरा का दाम ऊपर ही रहेगा. पहले से ही अच्छा निर्यात कारोबार किया गया है. जीरा के लिए दृष्टिकोण अच्छा है लेकिन मुनाफावसूली देखी जाएगी.  

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कहां पैदा होता है जीरा 

कृष‍ि व‍िशेषज्ञों के अनुसार देश का 80 प्रतिशत से अधिक जीरा गुजरात व राजस्थान राज्य में उगाया जाता है. राजस्थान में देश के कुल उत्पादन का लगभग 28 प्रतिशत जीरे का उत्पादन किया जाता है. राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में कुल राज्य का 80 प्रतिशत जीरा पैदा होता है. गुजरात और राजस्थान के अलावा पश्चिम बंगाल में भी जीरे का उत्पादन होता है. जीरा भारत में उत्पादित कुल मसालों का 5.81 फीसदी हिस्सा है. इस साल क‍िसानों का जीरा का र‍िकॉर्ड भाव म‍िल रहा है ज‍िससे वो काफी खुश हैं.

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