खाद्यान्न के बंपर उत्पादन के बाद अब कपास की खेती भी रिकॉर्ड बनाने के रास्ते पर है. कॉटन उत्पादन के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि इस साल उत्पादन रिकॉर्ड 14 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है. यह अनुमान ओरिगो कमोडिटी ने लगाया है. इसने कहा है कि 2022-23 में कॉटन का उत्पादन 360 लाख गांठ (1 गांठ=170किलोग्राम) हो सकता है. कॉटन का प्रोडक्शन 2021-22 सिर्फ 315 लाख गांठ था. इसके कारोबार से जुड़े सभी संगठन उत्पादन में वृद्धि को लेकर को एक मत हैं. बस सबके आंकड़े अलग-अलग हैं.
कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) और कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी पहले से अधिक उत्पादन होने का अनुमान लगाया है. सीसीआई ने उत्पादन 360 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि कृषि मंत्रालय ने 341.90 लाख गांठ का अनुमान लगाया है. जबकि, कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि उत्पादन 344 लाख गांठ होगा. उत्पादन में वृद्धि के पीछे वजह है. विशेषज्ञों का कहना है कि बुआई पिछले साल की तुलना में करीब 2 फीसदी ज्यादा रही है. उपज (यील्ड) में 12 फीसदी की बढ़ोतरी से उत्पादन में वृद्धि होगी.
कपास के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद इसके दाम में उछाल है. साल 2022-23 के लिए कॉटन की एमएसपी 6380 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि कॉटन के प्रमुख उत्पादक महाराष्ट्र में इसका दाम 9000 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर पहुंच गया है. आखिर इसकी वजह क्या है.
हमने कमोडिटी रिसर्चर इंद्रजीत पॉल से इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की. पॉल का कहना है कि कारोबारी और स्पिनिंग मिलें अभी बाजार की दिशा को लेकर भ्रमित हैं, जबकि गुजरात में किसान फसल को होल्ड कर रहे हैं. गुजरात चुनाव के बाद फसल को बाजार में निकाल सकते हैं. दूसरे राज्यों के किसान भी पिछले साल के अच्छे दाम को देखते हुए कॉटन को होल्ड कर रहे हैं. इसीलिए दाम में तेजी है.
इसी वजह इस समय कॉटन की प्रोसेसिंग यूनिट भी फुल क्षमता में नहीं चल रही हैं. नवंबर के दौरान भारी आवक के बावजूद भाव का ऊपरी लेवल पर रहना टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए चिंताजनक स्थिति है. हालांकि कपास की आवक में अभी और तेजी आना बाकी है. मजबूत थोक मांग की वजह से फसल वर्ष 2022-23 के लिए उत्पादन में बढ़ोतरी का प्रभाव निष्प्रभावी हो गया है
भारतीय कृषि क्षेत्र में कपास की भूमिका महत्वपूर्ण है. अकेले भारत में दुनिया का 22 फीसदी कॉटन पैदा होता है. अपना देश कपास का बड़ा एक्सपोर्टर भी है. कैश क्रॉप की दृष्टि से किसानों के लिए कपास की खेती का विशेष महत्व है. अच्छे दाम की वजह से इसकी खेती बढ़ रही है. पिछले साल भारत में कपास का मार्केट रेट एमएसपी का लगभग डबल रहा. इस साल भी ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं. यह किसानों के लिए अच्छा संकेत है. भारत में सबसे ज्यादा कपास का उत्पादन महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में होता है.