महाराष्ट्र के कल्याण-डोंबिवली मनपा रिंग रोड से प्रभावित किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वो अच्छे मुआवजे की मांग कर रहे हैं. प्रभावित किसान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने की बात कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर भूमिपुत्रों ने रविवार को डोंबिवली पश्चिम के देवीचा पाड़ा मंदिर परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया था. आंदोलनकारियों में शामिल गजानन पाटिल ने कहा, एमएमआरडीए प्राधिकरण और मनपा प्रशासन ने कल्याण डोंबिवली मनपा की सीमा के भीतर रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया है. इसमें प्रभावित जमीन के मालिक किसानों के साथ अन्याय हो रहा है.
आरोप है कि रिंग रूट से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिए बिना टीडीआर घोषित कर दिया गया है. कई किसानों के पास जमीन नहीं बची है. इसलिए टीडीआर का भुगतान सिर्फ कागजों पर ही रहेगा. इसलिए रिंग रूट से प्रभावित किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसके लिए देवीचापाड़ा, कुंभारखान पाड़ा और नवापाड़ा के भूमिपुत्र एकजुट होकर भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं.
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कल्याण-डोंबिवली में मनपा द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण को स्थगित करने के लिए उच्च न्यायालय में एक आवेदन भी किया गया है. मनपा के नगर रचना विभाग और ठेकेदार की बदजुबानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पालिका आयुक्त को सामने लाने के लिए एक दिन के आंदोलन किये जाने की बात कही गई है.इस मुद्दे को लेकर किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं. उनका कहना है कि भूमिपुत्र विकास के केंद्र बिंदु होने चाहिए, लेकिन ऐसा करने की बजाय किसानों को आर्थिक रूप से निचोड़ा जा रहा है. मनपा की साजिश की हम किसान निंदा करते हैं.
किसानों का आरोप है कि रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम की किसी भी प्रक्रिया के बिना भूमिपुत्रों पर टीडीआर थोप दिया गया है. किसान हैरान हैं कि क्या टीडीआर लॉबी का काम कोई साजिश है. यहां के किसानों ने फैसला किया है कि जब तक किसानों को संतोषजनक मुआवजा नहीं मिल जाता, वे एक इंच भी जमीन नहीं देंगे. इसके खिलाफ संघर्ष चलता रहेगा. किसानों की जमीन पर किसी की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी.
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