सेंट्रल सुपारी और कोको विपणन और प्रसंस्करण सहकारी (कैंपको) लिमिटेड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री से भारत में सुपारी के अवैध आयात से संबंधित मुद्दों का समाधान करने की अपील की है. कैंपको के अध्यक्ष ए किशोर कुमार कोडगी ने कहा कि गैरकानूनी तरीके से देश में सुपारी लाया जा रहा है, जो घरेलू बाजार के लिए गंभीर खतरा बन गया है. इससे सरकार और किसानों दोनों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि अवैध रूप से सुपारी का आयात हवाई, समुद्र और भूमि, तीनों मार्गों से किया जा रहा है.
द हिंदू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, ए किशोर कुमार कोडगी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने अवैध रूप से भारत में लाए जा रहे सुपारी के सभी तंत्रों का जिक्र किया है. ए किशोर कुमार कोडगी कहना है कि शुरुआत में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र जैसे तामू और सिलचर के सीमावर्ती इलाकों में अवैध रूप से भारत में सुपारी लाया जा रहा था. वहां से, आयातित सुपारी को इंफाल, दीमापुर, कोलकाता और अगरतला जैसे हवाई अड्डों पर लोडिंग पॉइंट पर भेजा जाता है.
समुद्री मार्ग से आयात का जिक्र करते हुए ए किशोर कुमार कोडगी ने कहा कि बंदरगाहों के जरिए कार्गो की गलत जानकारी देकर सुपारी का आयात किया जाता है. वाणिज्यिक चालान और प्रवेश बिल शिपमेंट को तारीखों या कच्चे काजू के रूप में गलत तरीके से वर्गीकृत किया जाता है, जबकि इसमें सुपारी शामिल होता है. वहीं, आयातक SAFTA समझौते का लाभ उठाते हुए शून्य प्रतिशत शुल्क और केवल 5 प्रतिशत जीएसटी पर सामान आयात करते हैं.
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भूमि मार्गों से किए जा रहे आयात पर भी फोकस किया गया है. पत्र में कहा गया है कि सुपारी का आयात कई बॉर्डर इलाके जैसे चम्फाई (म्यांमार-मिजोरम सीमा) से बैरांडी (मिजोरम-असम सीमा) से गुवाहाटी से दिल्ली और कानपुर तक किया जा रहा है. इसके अलावा मोरेह (म्यांमार-मणिपुर सीमा) से दीमापुर, नागालैंड से गुवाहाटी और उत्तर भारत तक भी सुपारी की अवैध सप्लाई हो रही है. उन्होंने कहा कि इम्फाल, अगरतला और गुवाहाटी से हर दिन 10 टन तक सुपारी ले जाने वाली उड़ानों की खबरें हैं.
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