भारत से दुबई पहुंचते ही 10 गुना महंगा हो जाता है ये आम, ओडिशा में होती है खेती, स्वाद-मिठास में बेजोड़

भारत से दुबई पहुंचते ही 10 गुना महंगा हो जाता है ये आम, ओडिशा में होती है खेती, स्वाद-मिठास में बेजोड़

ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के राज्य प्रमुख संबित सासमल ने कहा कि एफपीओ, जिसमें अब करीब 800 महिला सदस्य हैं, को ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी द्वारा अपने सामाजिक और परिवर्तनकारी ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण (स्त्री) कार्यक्रम के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे एचडीएफसी बैंक परिवर्तन द्वारा समर्थित किया जाता है.

अम्रपाली आम का दुबई में निर्यात. (सांकेतिक फोटो)अम्रपाली आम का दुबई में निर्यात. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 23, 2024,
  • Updated Jun 23, 2024, 2:12 PM IST

ओडिशा में उगाए गए आम्रपाली आम का स्वाद दुबई के लोग चखेंगे. राज्य के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक ढेंकनाल के आम्रपाली आम इस साल भी दुबई पहुंच गए हैं. खास बात यह है कि इन आमों को जैविक तरीके से उगाया गया है. आम्रपाली आम ओडिशा में उगाई जाने वाली आम की सबसे मीठी किस्मों में से एक. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने की मदद से आम का निर्यात हुआ है. खास बात यह है दुबई पहुंचते ही अम्रपाली आम की कीमत 10 गुना अधिक हो जाती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एपीडा ने एफपीओ के लिए निर्यात की सुविधा प्रदान की है. इसके बाद महिला उत्पादकों को उनकी गुणवत्ता के अनुसार फलों की ग्रेडिंग करने का प्रशिक्षण भी दिया. निर्यात के लिए उत्पाद को मंजूरी देने से पहले एपीडा ने आमों की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट भी तैयार की. इसके बाद फ्लाई से आम को दुबई भेजा गया. दुबई से सीधी हवाई कनेक्टिविटी किसानों के लिए एक अतिरिक्त लाभ थी.

10 गुना बढ़ जाती है कीमत

एफपीओ के निदेशक मंडल की सदस्य ज्योतिर्मयी प्रधान ने कहा कि आम्रपाली किस्म के आमों का लजीज स्वाद पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रिय हुआ है और अब इसे विदेशों में निर्यात किया जा रहा है. लेकिन, यह पहली बार है जब जिले की महिला किसानों ने इसका निर्यात किया है. आमतौर पर, महिलाएं आमों को एफपीओ को बेचती हैं जो उन्हें स्थानीय बाजारों में आपूर्ति करता है. स्थानीय स्तर पर यह 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है, जबकि दुबई में आम्रपाली की कीमत 10 गुना अधिक है.

40 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा

एफपीओ ने इसे निर्यातक को 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा. उन्होंने कहा कि महिला उत्पादक कीमत से खुश थीं, क्योंकि फल का निर्यात करना उनके लिए एक बड़ी बात थी. साथ ही, इससे उन्हें निर्यात से गुणवत्ता वाले आम उगाने में मदद भी मिलेगी. ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के राज्य प्रमुख संबित सासमल ने कहा कि एफपीओ, जिसमें अब करीब 800 महिला सदस्य हैं, को ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी द्वारा अपने सामाजिक और परिवर्तनकारी ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण (स्त्री) कार्यक्रम के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे एचडीएफसी बैंक परिवर्तन द्वारा समर्थित किया जाता है.

क्या कहते हैं किसान

आम किसान सुब्रत कुमार दास ने कहा कि हम एफपीओ को उसकी विभिन्न कृषि, विपणन और अन्य फसल-संबंधी गतिविधियों में सहयोग कर रहे हैं. हम भविष्य में सब्जियों का निर्यात करने की योजना बना रहे हैं.  पिछले साल, जिले के 2.5 टन आम्रपाली आमों को भी आम किसान सुब्रत कुमार दास ने दुबई में निर्यात किया था. 

 

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