Pig Farming: सूअर पालन कर किसान कमाएं मोटा मुनाफा, जानिए कैसे राह बनेगी आसान 

Pig Farming: सूअर पालन कर किसान कमाएं मोटा मुनाफा, जानिए कैसे राह बनेगी आसान 

किसानों का ध्यान अब तेजी से सूअर पालन की ओर बढ़ता जा रहा है. मौजूदा समय में सुअर भी क‍िसानों को सबसे तेजी से मुनाफा देने वाले पशुओं में शामिल होता नजर आ रहा है. इसी वजह से किसान सूअर पालन में अपनी दिलचस्पी दिखाते नजर आ रहे हैं. 

सुअर पालन कर कमाएं मोटा मुनाफा सुअर पालन कर कमाएं मोटा मुनाफा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 23, 2022,
  • Updated Nov 23, 2022, 3:34 PM IST

जहां एक ओर देश की अर्थव्यवस्था में कृषि की बड़ी भूम‍िका है. तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की कृष‍ि आधार‍ित अर्थव्यवस्था पशुपालन की भूमि‍का अहम है. ग्रामीण क्षेत्रों में किसान पशुपालन कर ना सिर्फ अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रहे हैं. पशुपालन की बात अगर करें तो किसान गाय पालन, मछली पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन तो कर ही रहे हैं. लेकिन, किसानों का ध्यान अब तेजी से सूअर पालन की ओर भी बढ़ता जा रहा है. मौजूदा समय में सूअर भी क‍िसानों को सबसे तेजी से मुनाफा देने वाले पशुओं में शामिल होता नजर आ रहा है. इसी वजह से किसान सुअर पालन में अपनी दिलचस्पी दिखाते नजर आ रहे हैं. 

सूअर पालन में लागत कम है और मुनाफा अधिक मिलता है. इसके बारे में डिटेल्ड जानकारी के लिए आप किसी सूअर फार्म (पिगरी यूनिट) से भी संपर्क कर सकते हैं. आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से सुअर पालन कर आप बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

ऐसे करें सूअर के रहने और खाने की व्यवस्था 

मोटी चमड़ी होने के कारण सूअर को गर्मी ज्यादा लगती है. ऐसे में इन्हें छाया वाली जगहों पर रखें. इसके अलावा इनके लिए पीने के पानी की भी समूचित व्यवस्था होनी चाहिए. इन्हें गला घोंटू, खुरपका-मुंहपका, त्वचा से संबंधित रोग, स्वाइन फीवर होने का खतरा ज्यादा होता है. इन बीमारियों से सूअरों को बचाने के लिए टीकाकरण अवश्य करवाएं. सूअरों के आहार के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. सब्जी, फल के छिलके, सड़े गले फल-सब्जी, होटल का बचा खाना कुछ भी इन जानवरों को दिया जा सकता है. बस प्याज के छिलके, लहसुन के छिलके सूअर के खाने में ना डालें.

10+1 फॉर्मूला से करें सूअर पालन

अगर क‍िसान सूअर पालन से अध‍िक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो 10+1 फॉर्मूला से सूअर पालन करें. मतलब 10 मादा और 1 नर सूअर पालिए. एक मादा सूअर साल में दो बार बच्चे देती हैं. एक बार में कम से कम इसके 8 बच्चे होते हैं. यानी इनकी संख्या में तेजी इजाफा होता है. 

अगर आपके पास 10 मादा हैं और एक ने 8 बच्चे भी दिए तो एक साल में 160 बच्चे हो जाएंगे. क्योंकि ये साल में दो बार बच्चे देंगी. एक बच्चा बाजार में अगर 2 हजार रुपये का बिकता है, तो 160 बच्चों के 3 लाख 20 हजार रुपये. मान लीजिए एक लाख खर्च भी हुआ तो भी दो लाख रुपये का मुनाफा आराम से हो जाएगा.

सूअर से प्राप्त होने वाले उत्पाद और उनका उपयोग

सूअर का मांस ही नहीं बल्कि सूअर के बालों की भी बाजार में अच्छी खासी मांग रहती है. इसके बालों का उपयोग पेंटिंग ब्रश बनाने के साथ ही अन्य प्रकार के ब्रश को बनाने में किया जाता है. सूअरों की चर्बी से मिलने वाले जलेटिन को पोर्कीन जलेटिन या पोर्क जलेटिन कहते हैं. दवाएं बनाने में जलेटिन का इस्तेमाल कई तरह से होता है. वैक्सीन में इसका इस्तेमाल एक स्टेबलाइजर की तरह किया जाता है. इसके अलावा सूअर की चर्बी का घी को चोट, मोच, और लकवा (पैरालिसिस) आदि को ठीक करने में उपयोग किया जाता है, यह बहुत ही गर्म प्रकृति का होने के कारण काफी असरदार साबित होता है. इसके अलावा इसके मांस का प्रयोग केमिकल्स के रूप में जैसे सौन्दर्य उत्पाद और रसायनों में अन्य तरीके से उत्पादों में प्रयोग किया जाता है. वहीं इसके गोबर यानि अवशिष्ट को खाद बनाने के लिए उपयोग मे लाया जाता है.

MORE NEWS

Read more!