घर पर खुद से बनाकर गाय-भैंस को खिलाएं ये दवाई, गर्मी के मौसम में भी कम नहीं होगा दूध

घर पर खुद से बनाकर गाय-भैंस को खिलाएं ये दवाई, गर्मी के मौसम में भी कम नहीं होगा दूध

गर्मी के मौसम में गाय- भैंस अधिक बीमार पड़ती हैं. उनकी पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है. इससे वे चारा खाना कम कर देती हैं. इसके चलते दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं. दुग्ध उत्पादन कम होने के चलते पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

गर्मी के मौसम में गाय को खिलाएं इस तरह की घास. (सांकेतिक फोटो)गर्मी के मौसम में गाय को खिलाएं इस तरह की घास. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 09, 2024,
  • Updated Feb 09, 2024, 6:05 PM IST

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर किसान खेती के साथ- साथ बड़े स्तर पर पशुपालन भी करते हैं. देश में लाखों परिवारों का घर पशुपालन से चल रहा है. कई किसान दूध और डेयरी प्रोडक्ट बेच कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन मौसम में बदलाव आने पर मवेशियों के ऊपर भी असर पड़ता है. इससे दूध देने की उनकी क्षमता कम हो जाती है. इससे पुशपालकों की कमाई प्रभावित होती है. ऐसे भी अभी मौसम में बदलाव आ रहा है. अब मौसम सर्दी से धीरे- धीरे गर्मी ती तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में दूध उत्पादन को लेकर पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. लेकिन उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर दूध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं.

दरअसल, गर्मी के मौसम में गाय- भैंस अधिक बीमार पड़ती हैं. उनकी पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है. इससे वे चारा खाना कम कर देती हैं. इसके चलते दुधारू पशु दूध देना कम कर देते हैं. दुग्ध उत्पादन कम होने के चलते पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. उनकी कमाई कम हो जाती है. लेकिन किसान कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर अपने गाय-भैंस का दुग्ध उत्पादन औसत रख सकते हैं.

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सरसों का तेल पिलाने पर होगा फायदा

गर्मी के मौसम में मवेशियों को पानी की अधिक जरूरत पड़ती है. इसलिए उन्हें अधिक से अधिक पानी पिलाएं. साथ ही चारे के रूप में हरी- हरी घासें अधिक दें, ताकि उनके शरीर को पूरा पोषक तत्व मिल सके. इससे मवेशियों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा और वे हेल्दी रहेंगे. इसके अलावा किसान अपने मवेशियों को आटा और सरसों भी मिलाकर खिला सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले 300 ग्राम सरसों का तेल लें. फिर उस तेल में 250 ग्राम गेहूं का आटा मिला दें. इसके बाद शाम के समय पशु को चारा खिलाने और पानी पिलाने के बाद उसे खिलाएं. 

इस तरह बढ़ जाएगी दूध देने की क्षमता

ध्यान रहे कि दवा खिलाने के बाद गाय- भैंस को भूलकर भी पानी नहीं पिलाएं. यह दवा आप अपनी गाय-भैंस को लगातार एक हफ्ते तक खिलाएं. इससे काफी फायदा होगा. उनकी दूध देने की क्षमता बढ़ जाएगी. वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि दुधारू पशुओं को लोबिया घास भी खाफी फायदा करता है. इसे खिलाने से मवेशी पहले से ज्यादा दूध देने लगती हैं. दरअसल, लोबिया एक औषधीय गुणों से युक्त घास है. इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. ये दोनों तत्व पशुओं में दूध उत्पादन के लिए जरूरी पाए जाते हैं. वहीं, लोबिया घास खाने से पाचन क्रिया भी ठीक रहती है.

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घर पर खुद से बनाएं औषधीय दवाई

अगर किसान चाहें, तो गाय-भैंस की दूध क्षमता बढ़ाने के लिए अपने घर पर ही औषधीय दवाई भी बना सकते हैं. इसके लिए  मेथी, कच्चा नारियल, गेहूं का दलिया, गुड़ शर्बत, जीरा और अजवाइन का मिश्रण बना लें. वहीं, गाय के बच्चा देने के बाद 3 दिन तक मिश्रण को खिलाएं. इसके बाद गाय-भैंसों को सामान्य आहार देना शुरू कर दें. आप देखेंगे कि आपके पशु का दूग्ध उत्पादन क्षमता हमेशा सही रहेगा.

 

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