20-30 साल पहले तक देश में फूलों की खेती बहुत ही सीमित क्षेत्र में किसी खास मकसद से की जाती थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में इनकी खेती व्यावसायिक मकसद से की जाने लगी है. फिलहाल फूलों की मांग पूरे साल बाजार में बनी रहती है. फूलों का उपयोग सभी प्रकार के त्योहारों, घरों की सजावट, देवी-देवताओं को चढ़ाने, शादियों में मंडपों और मंचों की सजावट, मेहमानों के स्वागत के लिए गुलदस्ते बनाने और ब्युटि प्रॉडक्ट बनाने में भी किया जाता है. इसके अलावा आजकल फूलों की कई प्रजातियां एक देश से दूसरे देशों में निर्यात भी की जा रही हैं. इन सभी कारणों से फूलों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों के लिए इनकी खेती अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभदायक साबित हो रही है. वहीं गेंदा की खेती से कमाई करने के लिए अगर सही समय पर उसकी तुड़ाई और सही पैकिंग की जाए तो इससे अधिक लाभ कमाया जा सकता है.
गेंदे के फूलों की तुड़ाई तभी करें जब वे पूरी तरह विकसित हो जाएं. फूलों को सुबह या शाम को तोड़ें जब मौसम ठंडा हो. तुड़ाई से एक दिन पहले खेत में हल्का पानी लगाना चाहिए, ताकि फूल ताजे रहें और उन्हें लंबे समय तक रखा जा सके. फूल तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि फूल के नीचे का लगभग 0.5 सेमी भाग हटा देना चाहिए. लंबा हरा डंठल फूल से जुड़ा रहता है. फूलों की उपज उगाई गई किस्म, मिट्टी, पौधों और पंक्तियों के बीच की दूरी, उपयोग की गई खाद और उर्वरक की मात्रा आदि पर निर्भर करती है. आमतौर पर प्रति हेक्टेयर उपज अफ्रीकी गेंदा से 15-20 टन और फ्रेंच गेंदा से 12-15 टन होती है.
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फूलों को तोड़ने के बाद हमेशा ठंडे स्थान पर रखें. गेंदे के फूलों को स्थानीय बाजार में भेजने के लिए बोरियों में पैक किया जाता है और दूर के बाजारों के लिए बांस की टोकरियों का उपयोग किया जाता है. फूलों को अगर ठीक से पैक किया जाए तो इससे फूलों की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है. जिससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है. वहीं अगर फूलों को आप किसी भी तरह रखते हैं तो इससे फूल जल्दी मुरझा जाते हैं और बाज़ारों में इसकी कीमत कम मिलती है. इसलिए फूलों को ठीक से पैक करना बहुत जरूरी होता है.
अन्य फूलों की तुलना में गेंदे की कुछ विशेष विशेषताएं हैं. जैसे कि विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में सफलतापूर्वक उगना, फूलों की लंबी अवधि, फूलों का जीवनकाल लंबा होना, साथ ही कीटों और बीमारियों का कम प्रकोप, जो इसे काफी फायदेमंद बनाता है. गेंदे को गरीबों का फूल भी कहा गया है, लेकिन इसके फूल गरीबों से लेकर अमीर तक सभी को पसंद होते हैं. गेंदे के फूलों का उपयोग माला बनाने, पार्टी या शादी के पंडाल को सजाने और धार्मिक स्थानों में पूजा के लिए किया जाता है. इसके अलावा, गेंदे के फूल और पत्तियों का उपयोग विभिन्न दवाओं, तेल निकालने और खाद्य रंगों के उत्पादन में भी किया जाता है. नारंगी फूल वाली किस्मों की फूलों की पंखुड़ियों में कैरोटीनॉयड पीला रंगद्रव्य (ल्यूटिन) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसका उपयोग पोल्ट्री उद्योग में मुर्गियों के लिए आहार योज्य के रूप में किया जाता है, जो अंडे की जर्दी को पीला कर देता है.
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