भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) रविवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र-संकल्प पत्र- जारी करेगी. बताया जा रहा है कि बीजेपी के संकल्प पत्र में कल्याण और विकास के मुद्दों के अलावा 'विकसित भारत' के लिए रोडमैप भी चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल होने की उम्मीद है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के बाकी वरिष्ठ नेताओं के पार्टी मुख्यालय में मौजूद होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि 14 अप्रैल को ही संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती भी है. वह दलित समुदाय के एक बड़े नेता भी हैं.
बीजेपी ने साल 2014 और 2019 में जो संकल्प पत्र जारी किया था उसमें कई वादों को उसने पूरा कर लिया है. इसमें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे वादे सबसे अहम हैं. इसलिए अब सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि सत्तारूढ़ पार्टी का बड़ा सांस्कृतिक और हिंदुत्व एजेंडा घोषणापत्र में कैसे शामिल होता है. पार्टी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कहा है कि युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के लिए उपाय - चार 'जाति' जिनके बारे में मोदी अक्सर बात करते हैं - इसके चुनावी वादों में मुख्य होंगे.
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बीजेपी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक घोषणापत्र समिति गठित की थी.इसकी इसकी विषय-वस्तु पर विचार-विमर्श के लिए दो बार बैठक हुई थी. इससे पहले पार्टी ने लोगों के सुझाव प्राप्त करने के लिए देश भर में वैन भेजने और सोशल मीडिया अभियान चलाने सहित कई अभ्यास शुरू किए थे.
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बीजेपी के कई नेता और पीएम मोदी इस बार 400 पार के नारे के साथ मैदान में हैं और ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के संकल्प पत्र में गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के लिए काफी कुछ ऐलान किए जा सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2019 के घोषणा पत्र में किए 10 बड़े वादों में से सात पूरे कर दिए है. भारतीय जनता पार्टी इस बार युवा शक्ति और किसानों से जुड़े कुछ बड़े ऐलान कर सकती है.
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