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Drone Didi : बाराबंकी की ड्रोन पायलट शुभी की कहानी, आत्मविश्वास से बदली 21 साल की इस लड़की की जिंदगी

Drone Didi : बाराबंकी की ड्रोन पायलट शुभी की कहानी, आत्मविश्वास से बदली 21 साल की इस लड़की की जिंदगी

शुभी बताती हैं कि जब हम ड्रोन उड़ाते हैं तो सैकड़ों की संख्या में भीड़ जुट जाती है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ड्रोन खेती के लिए बहुत अहम यंत्र साबित होगा. देश और प्रदेश का हर किसान खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे.

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बाराबंकी जिले के अहमदनगर गांव में रहने वाली 21 साल की शुभी सिंह (Photo-Kisan Tak) बाराबंकी जिले के अहमदनगर गांव में रहने वाली 21 साल की शुभी सिंह (Photo-Kisan Tak)

Barabanki News: बाराबंकी जिले के अहमदनगर गांव में रहने वाली 21 साल की शुभी सिंह की पहचान आज ड्रोन दीदी (Drone Didi) के रूप में होती हैं. पहले लोग उन्हें उनके पिता के नाम से जानते थे, आज उनके पिता को उनके नाम से जानते हैं. शुभी सिंह के हाथ में जब ड्रोन का रिमोट आता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है. अब तो ड्रोन उड़ाना उन्हें वीडियो गेम खेलने जैसा लगता है. किसान तक से बातचीत में शुभी ने बताया कि 10 अक्टूबर 2023 को यूपी फूलपुर में (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव) IFFCO की ट्रेनिंग कैंप में पहुंचे थे. वहां पर हमको प्रैक्टिकल के साथ ड्रोन उड़ाने की पूरी जानकारी दी गई. टेस्ट में पास होने के बाद मुझे ड्रोन पायलट का लाइसेंस दिया गया. 9 जनवरी 2023 को मुझे IFFCO की तरफ से मुफ्त में ड्रोन के साथ पूरा किट बैग दिया गया था. 

5-7 मिनट में दवा का छिड़काव

शुभी सिंह ने आगे बताया कि हम दो महीने तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान बाराबंकी, गोंडा और सीतापुर में ड्रोन भी उड़ाया था. उन्होंने बताया कि गेहूं फसल के दौरान किसान मुझे बुलाते थे, अभी फिलहाल एक हजार से लेकर 2000 हजार रुपये तक आय हो जाती है. मुझे काम मिलता रहता है. क्योंकि एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव 5-7 मिनट में कर देते हैं. 10 लीटर पानी में पूरे खेत में छिड़काव हो जाता है, इससे कम पानी में पूरे खेत में आसानी से किसानों के खेत में दवा का छिड़काव किया जा सकता हैं. वहीं फसल भी खराब नहीं होती. 

शुभी सिंह के लिए अब तो ड्रोन उड़ाना उन्हें वीडियो गेम खेलने जैसा लगता है.
शुभी सिंह के लिए अब तो ड्रोन उड़ाना उन्हें वीडियो गेम खेलने जैसा लगता है

शुभी बताती हैं कि जब हम ड्रोन उड़ाते हैं तो सैकड़ों की संख्या में भीड़ जुट जाती है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ड्रोन खेती के लिए बहुत अहम यंत्र साबित होगा. देश और प्रदेश का हर किसान खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे. सफल ड्रोन पायलट शुभी सिंह खुद ही बैटरी रिक्शे से ड्रोन खेतों में ले जाने से लेकर, छिड़काव करने तक सारा काम अकेले ही करती हैं. 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद (BSC) ग्रेजुएशन  कर रही शुभी आज अपने गांव के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने बताया कि मुझे ड्रोन उड़ता देखकर गांव की बहुत सी लड़कियां मेरे जैसा बनना चाहती है.

क्या है ड्रोन दीदी योजना?

प्रधानमंत्री ड्रोन दीदी योजना 30 नवंबर 2023 को शुरू की गई थी. इस योजना का लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 15,000 से अधिक महिलाओं को ड्रोन दीदी बनने का अवसर प्रदान करके सशक्त बनाना है. इसके अतिरिक्त, इस योजना में महिलाओं के लिए 15-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल है, जो उन्हें ड्रोन चलाने और फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करने में सक्षम बनाता है.

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पीएम ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और कृषि कार्यों में प्रभावी ढंग से योगदान देंगी. इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को ड्रोन संचालन के लिए 15,000 रुपये का मासिक अनुदान भी मिलेगा. प्रधानमंत्री द्रोण दीदी योजना कृषि क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक कदम है, जो कृषि क्षेत्र की वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करता है.

योजना में मिलेंगे यह लाभ

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को 15 दिन ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके स्टाइपेंड के तौर पर उन्हें 15 हजार भी दिए जाते हैं. यह राशि उनके खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए भेज दी जाती है. सरकार का लक्ष्य है 10 करोड़ से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं में से 15 हजार को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाए. इस योजना के तहत सरकार की ओर से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद महिलाओं को ड्रोन भी दिया जाता है.