मुर्गीपालन आज के समय में आय बढ़ाने का एक मजबूत साधन बन गया है. खासकर गांवों में जहां खेती से कुछ कम आय हो रही है तो वहां पर मुर्गीपालन ने लोगों को बड़ा सहारा दिया है. ऐसे ही एक युवा हैं अमित चौहान जो गांव में रहकर खेती करते हैं लेकिन जब उन्होंने देखा कि इससे उन्हें कुछ खास इनकम नहीं हो रही है तो वह इस दिशा की तरफ मुड़ गए. अमित चौहान आज पोल्ट्री फार्मिंग से हर महीने 50 हजार रुपये कमा रहे हैं. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने भी उन्हें काफी मदद की.
मुर्गीपालन में किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए, केवीके लगातार इस पर काम कर रहा है. केंद्र की तरफ से किसानों को मिश्रित खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. इसी प्रयास को बरकरार रखने के लिए केवीके की तरफ से ब्रॉयलर मुर्गीपालन पर एक प्रोफेशनल ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. अमित चौहान ने इसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए थे. उनके पास किसी तरह की कोई जमीन भी नहीं थी. लेकिन एक किसान होने के नाते उन्होंने मुर्गी पालन शुरू किया.
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केवीके ने अमित को इनपुट और मार्केटिंग से जुड़ी हर तकनीकी जानकारी मुहैया कराई. साथ ही दूसरी कई अहम जानकारियां भी उन्हें मिलीं. ट्रेनिंग के बाद अमित ने किराये के पोल्ट्री शेड पर 4000 मुर्गियों (ब्रॉयलर) की एक पोल्ट्री यूनिट शुरू की. इस शेड का किराया 17000 रुपये प्रति माह था. इससे उन्हें दो महीने में करीब 101850 रुपये की आय हुई. यूनिट की कुल लागत 677450 रुपये थे और उसे 3700 पक्षी बेचने के बाद 779300 रुपये की कमाई हुई. इन सभी मुर्गियों का वजन 7793 किलोग्राम था. 50925 रुपये अमित ने एक महीने में कमाए और केवीके के वैज्ञानिकों की मानें तो शुरुआत में एक किसान के लिए इतनी इनकम बहुत अच्छी है.
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