राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केंद्र सरकार की सभी राशन वितरण स्कीम्स के लिए जरूरी गेहूं से ज्यादा की खरीद कर ली गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना समेत अन्य राशन योजनाओं के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लाभार्थियों को वितरण के लिए जरूरी 186 लाख टन से 10 लाख टन अधिक गेहूं की खरीद पूरी कर ली गई है.
केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं के लिए राशन वितरण और उसकी पूर्ति के लिए खरीद की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को दे रखी है. आंकड़ों के अनुसार मौजूदा मार्केटिंग ईयर 2024-25 में अब तक 196 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम सहित सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए 186 लाख टन की सालाना जरूरत को पार कर गया है.
अनाज खरीद और वितरण के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए 2024-25 मार्केटिंग ईयर में 310-320 लाख टन गेहूं खरीदने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुटी है. इसके साथ ही खुले बाजार में अनाज की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरप्लस अनाज का स्टॉक बनाया जा रहा है.
आंकड़ों के अनुसार रबी सीजन के गेहूं की खरीद पिछले साल की समान अवधि के 219.5 लाख टन से अब तक 11 फीसदी कम है. इसका मुख्य कारण मध्य प्रदेश और पंजाब में कम खरीदारी का होना है. इस पर एफसीआई ने कहा है कि वह अनुमानित खरीद लक्ष्य हासिल करने की राह पर हैं. एफसीआई अकेले पंजाब और हरियाणा से लगभग 200 लाख टन गेहूं की खरीद करेगा.केंद्र ने फसल वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में 261.97 लाख टन गेहूं की खरीद की थी. बता दें कि गेहूं की अधिकांश खरीद अप्रैल-मई के दौरान की जाती है.
खाद्यान्न स्कीम के तहत सरकार लाभार्थियों को गेहूं के साथ चावल भी देती है. रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कीम्स के लिए चावल खरीद और उसकी उपलब्धता स्थिति ठीक है. क्योंकि एफसीआई को 2023-24 मार्केटिंग ईयर (अक्टूबर-सितंबर) में 540 लाख टन की खरीद की उम्मीद है. जबकि, सभी कल्याणकारी खाद्यान्न योजनाओं के लिए 400 लाख टन चावल की सालाना जरूरत है.
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