केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना यानी सीजीएचएस (CGHS) लाभार्थियों के लिए बड़ी घोषणा की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि योजना के लाभार्थियों को सीजीएचएस (CGHS) आईडी को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आईडी से जोड़ना अनिवार्य है. इसके लिए मंत्रालय ने 1 अप्रैल से 30 दिनों तक का समय दिया है. कहा गया है कि इससे आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से लाभार्थियों को लाभ मिलना आसान होगा, जबकि डाटा जुटाने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपनी घोषणा में कहा कि सीजीएचएस के मौजूदा लाभार्थियों को 30 दिनों के भीतर अपनी सीजीएचएस लाभार्थी आईडी को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी एबीएचए आईडी से जोड़ना होगा. कहा गया है कि 1 अप्रैल से यह प्रक्रिया अनिवार्य की गई है. इससे सीजीएचएस लाभार्थियों की डिजिटल स्वास्थ्य पहचान बनाना और उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को एक जगह रखना है. आईडी के एक साथ जुड़ने से मरीजों के लिए उपलब्ध अस्पताल विकल्पों का दायरा भी बढ़ने की उम्मीद है.
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) 1954 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य देखभाल सुविधा देने के लिए शुरू की गई थी. वर्तमान में 75 शहरों में 41 लाख से अधिक लाभार्थी इस योजना से कवर हैं. सीजीएचएस के जरिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मॉडल हेल्थ सर्विसेज सुविधा मिलती है.
आयुष्मान भारत को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के रूप में भी जाना जाता है. इस योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी. इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवरेज सुविधा देती है. योजना के तहत देश के 12 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ से अधिक लोगों को कवर किया जा रहा है. इसमें से 30 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं.
नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) लॉन्च किया है. इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ईएचआर) बनाने के लिए हेल्थ इकोसिस्टम के भीतर स्वास्थ्य डेटा को ऑपरेशनल करने के लिए मंच विकसित करना है. ABHA एक 14 अंकों की संख्या है जो लाभार्थी के हेल्थ आइडी के रूप में जानी जाती है. इसे डिजिटल रूप से या हार्डकॉपी के रूप में जारी किया जा सकता है। जनवरी 2024 तक कुल 52 करोड़ से ज्यादा ABHA नंबर जारी किए गए हैं.
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