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अप्रैल-मई में लू चलने की संभावना कम, देश के कई हिस्सों में सामान्य बारिश के आसार

अप्रैल-मई में लू चलने की संभावना कम, देश के कई हिस्सों में सामान्य बारिश के आसार

IMD की रिपोर्ट में मार्च 23-29 के बीच पश्चिमी विक्षोभ शुरू होने की बात कही गई है. इससे चक्रवात की स्थिति बनेगी जिससे बारिश की संभावना है. उत्तर-पश्चिम के पहाड़ी इलाके और उससे सटे मैदानी हिस्सों में छिटपुट बारिश के साथ आंधी चलने की संभावना है.

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अप्रैल-मई में लू चलने की संभावना कम (फोटो क्रेडिट-ANI) अप्रैल-मई में लू चलने की संभावना कम (फोटो क्रेडिट-ANI)

अल-नीनो को लेकर एक नई रिपोर्ट आई है. इसे जापान की एक मौसम एजंसी ने जारी किया है. एजंसी ने कहा है कि अल-नीनो की तीव्रता को लेकर जिस तरह की बातें हो रही हैं, वैसा होने की संभावना कम है. एजंसी के मुताबिक, अप्रैल से जून के दरमियान अल-नीनो का असर भारत में हल्का रहेगा. इससे इतर दुनिया की कई एजंसी ने अपने पूर्वानुमान में अल-नीनो के तेज रहने की आशंका व्यक्ति की है. इसमें अमेरिकी रिपोर्ट भी शामिल है. मगर जापानी एजंसी की रिपोर्ट कहती है कि इस साल अल-नीनो कुछ कमजोर रहेगा.

दुनिया की कई मौसम एजंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ला-नीना का फेज पार हो चुका है और ईस्ट इक्वेटोरियल पैसिफिक अब 'न्यूट्रल' स्थिति में प्रवेश कर गया है जिसके बाद में अल-नीनो में तब्दील होने की पूरी संभावना है. दूसरी ओर, जापानी नेशनल फोरकास्टर जैम्सटेक ने कहा है कि इस साल अल-नीनो का असर कमजोर रहेगा. इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में अल-नीनो शुरू हो जाएगा, लेकिन उसका प्रभाव बहुत ही कमजोर होगा.

जापानी मौसम एजंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अप्रैल और मई में अल-नीनो आना शुरू होगा और यह वही महीना है जब गर्मी का असर शुरू होता है. उत्तर पश्चिम भारत और उससे सटे मध्य भारत और पूर्वी भारत में मई महीने से गर्मी का दौर शुरू होता है. ऐसे में मई में अल-नीनो जैसे ही शुरू होगा, उससे आंधी-तूफान शुरू होगा जिससे देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में गिरावट आएगी. लिहाजा, अप्रैल-मई में लू चलने की संभावना कम दिख रही है.

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इसी से मिलती जुलती एक मौसम रिपोर्ट भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने जारी की है. रिपोर्ट में मार्च 23-29 के बीच पश्चिमी विक्षोभ शुरू होने की बात कही गई है. इससे चक्रवात की स्थिति बनेगी जिससे बारिश की संभावना है. उत्तर-पश्चिम के पहाड़ी इलाके और उससे सटे मैदानी हिस्सों में छिटपुट बारिश के साथ आंधी चलने की संभावना है. कुल मिलाकर दक्षिण और उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. देश के बाकी हिस्सों में सामान्य बारिश हो सकती है. यह स्थिति अप्रैल तक बनी रहेगी.

दुनिया की अलग-अलग एजंसियों ने भारत में बारिश का जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है.

1-एप्लिकेशन लेबोरेटरी, जैम्सटेक, जापान

जून-जुलाई-अगस्त में उत्तर पश्चिम भारत, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में सामान्य बारिश होगी. सौराष्ट्र-कच्छ, पश्चिम मध्य प्रदेश, शेष मध्य भारत और पूर्वी भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी. सेंट्रल मध्य प्रदेश, पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और तटीय कर्नाटक में बारिश की कमी रहेगी.

2-APEC क्लाइमेट सेंटर, दक्षिण कोरिया

जून- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब को छोड़कर (यहां सामान्य से अधिक बारिश होगी) देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी.

जुलाई- देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होगी.

अगस्त- पश्चिमी भारत का आधा हिस्सा कम बारिश से प्रभावित रहेगा.

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सितंबर- पूरे देश में सामान्य से कम बारिश की आशंका.

3-IRI, कोलंबिया यूनिवर्सिटी

जून-अगस्त- मध्य महाराष्ट्र और उत्तर आंतरिक कर्नाटक को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में सामान्य बारिश होगी.

जुलाई-अगस्त-सितंबर- पूरे देश में सामान्य बारिश हो सकती है.

4- यूके मेट ऑफिस

जून-जुलाई-अगस्त- गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में कम बारिश होगी. देश के बाकी हिस्सों में सामान्य बारिश रहेगी.