किसानों के लिए फायदे का सौदा है खस की खेती
Credit: Pinterest
खस की खेती गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में की जाती है
Credit: Pinterest
आइए जानते हैं क्यों है खस की खेती फायदे का सौदा?
Credit: Pinterest
खस की उन्नत किस्में पूसा हाईब्रिड-7,8, सुगंधा, केएच-8, 40 आदि हैं
Credit: Pinterest
खस की जड़ों में तेल की मात्रा अधिक होती है
Credit: Pinterest
एक हेक्टेयर जमीन से करीब 4 से 6 क्विंटल खस की जड़ें प्राप्त होती हैं
Credit: Pinterest
खस की खेती बाढ़ग्रस्त और सूखाग्रस्त दोनों ही क्षेत्रों में की जाती सकती है
Credit: Pinterest
खस की रोपाई फरवरी से अक्टूबर महीने तक की जाती है
Credit: Pinterest
खरपतवार नियंत्रण रोपाई के 35-40 दिन बाद कर लेना चाहिए
Credit: Pinterest
खस के पौधों को सामान्य से अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है
Credit: Pinterest
रोपाई के 12-14 महीने बाद इसकी जड़ें खुदाई योग्य हो जाती हैं
(credit ICAR)
Credit: Pinterest
Related Stories
दिल्ली में बरसेंगे बादल,जानें आपके यहां कब होगी बारिश
कृषि ड्रोन के इस्तेमाल के एक नहीं अनेक लाभ है!
आवारा जानवरों से हैं परेशान तो अपनाएं ये रास्ता!
सोयाबीन की खेती करने वाले किसान जरूर कर लें ये काम!