किसानों के लिए फायदे का सौदा है खस की खेती

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खस की खेती गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में की जाती है

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आइए जानते हैं क्यों है खस की खेती फायदे का सौदा?

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खस की उन्नत किस्में पूसा हाईब्रिड-7,8, सुगंधा, केएच-8, 40 आदि हैं

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खस की जड़ों में तेल की मात्रा अधिक होती है

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एक हेक्टेयर जमीन से करीब 4 से 6 क्विंटल खस की जड़ें प्राप्त होती हैं

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खस की खेती बाढ़ग्रस्त और सूखाग्रस्त दोनों ही क्षेत्रों में की जाती सकती है

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खस की रोपाई फरवरी से अक्टूबर महीने तक की जाती है

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खरपतवार नियंत्रण रोपाई के 35-40 दिन बाद कर लेना चाहिए

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खस के पौधों को सामान्य से अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है

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रोपाई के 12-14 महीने बाद इसकी जड़ें खुदाई योग्य हो जाती हैं 
(credit ICAR)

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