वो किसान जिसने गांधी को बनाया था महात्मा, पढ़ें अनसुनी कहानी

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देश में 77वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारी जोरों पर चल रही है

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1757 से 1947 तक भारत ब्रिटिश शासन का गुलाम था

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गुलामी से आजादी के बीच कई अनसुने किस्से अब सामने आ रहे हैं

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ऐसा ही एक किस्सा है जिसे महात्मा गांधी ने किताबों में लिखा था

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भारत में अंग्रेजों ने किसानों से जबरन नील की खेती शुरू करवाई थी

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महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा के बारवें अध्याय 'नील के दाग' में एक वाकया लिखा है

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उन्होंने बताया कि एक किसान राजकुमार शुक्ल थे जो उनसे बार बार मिलने की जिद करते थे

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राजकुमार शुक्ल ने बापू को चंपारण में अंग्रेजो के अत्याचार के बारे में बताया

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चंपारण यात्रा करने के बाद गांधी ने देखा कि वहां के किसानों के पास पहनने तक के कपड़े नहीं हैं

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इसे देखकर गांधी ने भी कपड़ा त्याग दिया और एक धोती में जीवन गुजारने लगे

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गांधी के कपड़े त्यागने की घटना के बाद उन्हें महात्मा की उपाधि मिली

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नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...