दिल्ली में आयोजित Kisantak summit में पहुंचे थे पद्मश्री किसान उमाशंकर पांडेय 

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इस किसान ने सूखे बुंदेलखंड में लौटाया था पानी

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बुंदेलखंड का जिक्र आते ही सूखी और पठारी जमीन जेहन में आती है

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बुंदेलखंड में मनचाहे अनाजों की खेती करना आसान नहीं होता

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इस पद्मश्री किसान ने अकेले ही पानी बचाने का अभियान शुरू किया

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बांदा जिले के पद्मश्री किसान उमाशंकर पांडेय ने लोगों को दिया खास नारा

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'खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़' का नारा देकर शुरू किया जल संरक्षण

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उमाशंकर पांडेय के इस प्रयास से खेतों में पानी ठहरने लगा

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इस प्रयास से मिट्टी की क्षारीय में कमी आई और मिट्टी उपजाऊ हो गई

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लगभग 5 साल में ही बांदा जिले में भूजल का स्तर भी बढ़ गया

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