29 June 2025
By: KisanTak.in
पुरी के भगवान जगन्नाथ को विष्णु और कृष्ण का स्वरूप माना जाता है. भक्तों की गहरी श्रद्धा उन्हें रथ पर दर्शन करने को खींच लाती है
Credit: pinterest
पूरे साल भगवान मंदिर के गर्भगृह में रहते हैं, लेकिन रथ यात्रा में वे बाहर आते हैं, जिससे आम लोग भी दर्शन कर सकते हैं
Credit: pinterest
मान्यता है कि रथ की रस्सी खींचने से जीवन के पाप कट जाते हैं और मोक्ष मिलता है. इसलिए लाखों लोग इसमें हिस्सा लेते हैं
Credit: pinterest
यह दुनिया की सबसे बड़ी चलती मूर्ति यात्रा है. इसकी भव्यता और पैमाना अपने आप में वैश्विक आकर्षण है
Credit: pinterest
सदियों पुरानी यह परंपरा भारतीय सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है, जिससे लोग भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं
Credit: pinterest
पुरी की रथ यात्रा सिर्फ ओडिशा तक सीमित नहीं, भारत और दुनिया भर से लोग इस उत्सव में शामिल होने आते हैं
Credit: pinterest
हर साल टीवी चैनल, यूट्यूब और सोशल मीडिया पर इसका लाइव प्रसारण होता है, जिससे जागरूकता और आकर्षण बढ़ता है
Credit: pinterest
यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का भी केंद्र बन चुका है. सरकार और प्रशासन भी इसे बढ़ावा देते हैं
Credit: pinterest
लाखों लोगों के बीच एक साथ “जय जगन्नाथ” का नारा लगाना, भक्ति संगीत और मेले जैसा माहौल, यह भावनात्मक ऊर्जा लोगों को खींच लाती है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
Credit: pinterest