04 July 2025
By: KisanTak.in
सावन में शरीर की पाचन क्षमता कमजोर होती है, इसलिए इस महीने में मांस, मछली, अंडा, लहसुन और प्याज खाने से बचें
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अगर सोमवार का व्रत रखना है तो उसके नियमों का भी पालन करें. व्रत में नमक रहित भोजन, ब्रह्मचर्य और संयम रखें. व्रत रखने से इच्छा शक्ति भी मजबूत होती है
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सावन में शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता और हल्दी गलती से भी ना चढ़ाएं. यह धार्मिक नियमों के विरुद्ध है
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सावन आत्म-संयम और शुद्ध विचारों का महीना है. इसलिए इस महीने गाली-गलौच, क्रोध और झगड़े से दूर रहें
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धार्मिक रूप से इस महीने ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 से 6 बजे तक उठकर पूजा-पाठ करना शुभ होता है. देर तक जागना मानसिक थकावट भी बढ़ाता है
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ये नोट कर लें कि नारियल पानी, केतकी का फूल, सिंदूर आदि शिवलिंग पर नहीं चढ़ाए जाते हैं. केवल जल, दूध, बेलपत्र, भस्म, शहद, दही, घी और गंगाजल ही चढ़ाएं
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सावन का महीना ही नहीं, पूजा करने से पहले हमेशा शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें. बिना स्नान किए शिव पूजन वर्जित माना गया है
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सावन में वातावरण नम होता है जिससे बीमारियां जल्दी फैलती हैं. इसलिए घर, रसोई और पूजा का स्थान साफ-सुथरा रखें
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पूजा में प्लास्टिक, कृत्रिम फूल या केमिकल वाले रंगों का उपयोग करने से बचें. मिट्टी के दीये, प्राकृतिक फूल और देसी सामग्री का प्रयोग करें
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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