21 June 2025
By: KisanTak.in
गिलहरियां सर्दियों के लिए बीज और नट्स छुपा देती हैं, लेकिन इनमें से बहुत सारे उन्हें फिर याद ही नहीं रहते. ये भूले हुए बीज बाद में पेड़ बन जाते हैं
Credit: pinterest
क्योंकि ये बीज दबाकर भूल जाती हैं और बाद में ये विशाल पेड़ बनते हैं. लिहाजा गिलहरी अनजाने में जंगल बढ़ाने में मदद करती हैं
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गिलहरियां अपनी लंबाई से 10 गुना ज़्यादा लंबी छलांग लगा सकती हैं और वो भी पेड़ से पेड़ पर
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इनकी आंखें सिर में इस एंगल पर होती हैं जिससे ये पीछे से आते शिकारी को भी बिना सिर घुमाए देख सकती हैं
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ये एक-दूसरे से आवाज़ों, पूंछ हिलाने और बॉडी लैंग्वेज से बात करती हैं. इनकी खास "क्लिकिंग" और "चटरिंग" आवाजें खतरे का अलार्म होती हैं
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ये दूसरों की छुपाई चीज़ें चुरा लेती हैं, लेकिन अगर कोई उन्हें देख रहा हो, तो नकली खुदाई करके "धोखा" भी देती हैं, ताकि असली जगह न पता चले
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गिलहरियां सिर्फ एक जैसी नहीं होतीं, उड़ने वाली गिलहरी, ज़मीन में रहने वाली या पेड़ों पर कूदने वाली भी हैं. इनकी करीब 280 प्रजातियां हैं
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“Flying squirrel” नाम मिसलीडिंग है. ये असल में ग्लाइड करती हैं, यानी अपने खास स्किन फ्लैप्स के सहारे एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक फिसलती हैं
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ये बड़ी और रंग-बिरंगी होती हैं. बैंगनी, नीली, सुनहरी और नारंगी रंगों में दिखती हैं. इसे देखना किसी परीकथा के जानवर जैसा लगता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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