24 June 2025
By: KisanTak.in
पैर हिलाने की आदत कई बार शरीर के तनाव या घबराहट को बाहर निकालने का तरीका बनती है. इसे "नर्वस एनर्जी" रिलीज़ करना कहते हैं
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कुछ लोगों को माइक्रो-मूवमेंट्स जैसे पैर हिलाना, सोचने या फोकस करने में मदद करता है
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लगातार बैठे रहने से रक्त प्रवाह धीमा होता है. ऐसे में हल्के मूवमेंट से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रह सकता है
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हालांकि सामाजिक माहौल में यह आदत दूसरों को चिढ़ाने या असहज करने वाली लग सकती है, खासकर अगर कंपन फर्श या कुर्सियों तक महसूस हो
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लगातार और तेज गति से पैर हिलाने से थकावट या पैरों की नसों में दबाव आ सकता है, खासकर लंबे समय तक करने से ये हो सकता है
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यह आदत आपके दिमाग की बेचैनी या चिंता को दूसरों को दिखा सकती है, जो प्रोफेशनल माहौल में निगेटिव मानी जाती है
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अगर बार-बार और हर जगह ऐसा करते हैं, तो यह आदत बन जाती है और छोड़ना मुश्किल हो सकता है
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अगर पैरों को बार-बार एक ही तरीके से हिलाते हैं, तो शरीर के पॉस्चर पर असर पड़ सकता है,जैसे- हिप या बैक में हल्का तनाव
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अगर यह आदत हल्के तौर पर है और किसी को परेशान नहीं कर रही, तो नुकसान नहीं है. लेकिन अगर यह बेकाबू है तो दूसरों को प्रभावित करती है
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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है