त्रेता युग में जब भगवान राम का अवतार हुआ तो कई पौराणिक कथाएं रची गईं
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इसी तरह भगवान राम और शबरी के जूठे बेर की कथा भी खूब चर्चित है
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अब 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है
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प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामायणकाल के सभी पौधों को ढूंढकर अयोध्या में लगाए जाने की तैयारी है
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चेन्नई के एक रिसर्च में वाल्मीकि रामायण में राम काल में विभिन्न प्राकृतिक क्षेत्रों का विस्तार से वर्णन है
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चित्रकूट, दंडक-अरण्य, पंचवटी, किष्किंधा, वन के पेड़-पौधों का वाल्मीकि रामायण में जिक्र है
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वनस्पतियों में आम, बेल, कटहल, बेर, हरड़, और भाव्या जैसे खट्टे फलों का जिक्र मिलता है
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बेरी फल, मक्खन का पौध, बांस और अशोक जैसे पेड़ों की भी चर्चा की गई है
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चंदन, चावल, जौ, आम और खजूर जैसे अनेकों पेड़-पौधे भी उस काल में चर्चित हैं
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नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...