29 June 2025
By: KisanTak.in
जब अचानक हवा ठंडी हो जाती या दिशा बदलती, तो बारिश का संकेत समझा जाता था. खासकर दक्षिण-पश्चिम से चलती हवा बारिश लाती थी
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चिड़ियों का झुंड नीचे उड़ना या चुप हो जाना, कबूतरों का देर तक घोंसले में रहना - बारिश से पहले इनका व्यवहार बदल जाता है
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जब चींटियां लाइन में चलकर ऊंचे स्थानों पर जाने लगतीं हैं, तब माना जाता था कि बारिश करीब है और वे अपने घर सुरक्षित कर रही हैं
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अगर मेंढक अचानक जोर से टर्राने लगें, तो बारिश का स्पष्ट संकेत समझा जाता है. यह आदिवासी क्षेत्रों में खास मान्यता है
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सूरज या चांद के चारों ओर अगर धुंधला गोला दिखे तो इसे "इंद्रवर्तुल" कहते थे और माना जाता है कि ये बारिश का संकेत है
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कई बार लोग बिना बारिश के भी "पृथ्वी की सोंधी गंध" से अनुमान लगा लेते थे. ये गंध वातावरण में मौजूद नमी और मिट्टी की प्रतिक्रिया से आती है
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कुछ पौधे, जैसे अकाशिया या कमल, बारिश से पहले अपनी पत्तियां सिकोड़ लेते हैं. इसे भी बारिश के संकेत के रूप में पहचाना जाता था
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बारिश जब आने वाली होती है तो अमूमन गाय, भैंस या कुत्ते बेचैन होकर अलग व्यवहार करने लगते हैं. उन्हें बदलते मौसम का आभास पहले ही हो जाता है
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जब गहरे काले या नीले बादल, खासकर उत्तर-पश्चिम दिशा से आते दिखते थे तो लोग मानते थे कि 12–24 घंटे में बारिश होगी
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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है