26 May 2025
By: KisanTak.in
पेड़ पौधे खुद चल नहीं सकते, इसलिए वे फलों को मीठा बनाते हैं ताकि जानवर, इंसान और कीड़े उन्हें खाएं और बीज दूर-दूर फैला पाएं
Credit: pinterest
फलों में नेचुरल शुगर (ग्लूकोज़, फ्रक्टोज़) होती है जो तुरंत एनर्जी देती है. यही वजह है कि हमारे शरीर को फल पसंद आते हैं
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जब फल पकते हैं, तब उनमें शुगर बनती है. मिठास इस बात का संकेत है कि फल अब खाने लायक है
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मीठा स्वाद जानवरों को पसंद आता है. इसलिए फल खाकर वे अपना मल दूर तक गिराते हैं जिसमें साबुत बीज भी होते हैं. इस तरह से पेड़ का वंश चलता है
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पेड़ अपने पत्तों से ग्लूकोज़ बनाते हैं और यही ग्लूकोज़ फलों में जाकर उन्हें मीठा बना देता है
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हजारों सालों से मानव और जानवर मीठा खाने को तरजीह देते आए हैं. इसलिए पेड़ भी ऐसा फल देने लगे जो ज्यादा मीठा हो और प्रकृति की रेस में बचे रहें
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कई कड़वे फल जहरीले हो सकते हैं, जबकि मीठे फल ज़्यादातर सुरक्षित और पोषक होते हैं, इसलिए प्रकृति ने उन्हें बढ़ावा दिया
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मीठे फल सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट का भी स्रोत हैं. मिठास उनके पौष्टिक होने की पहचान भी बन गई है
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कई पीढ़ियों से इंसानों ने मीठे फलों की खेती ज्यादा की है, जैसे जंगली केले में बीज होते थे, आज के केले नरम और मीठे हैं. ये "सेलेक्टिव ब्रीडिंग" का असर है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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