क्या इंसान को वाकई मिलता है अपने कर्मों का फल? 

24 May 2025

By: KisanTak.in

हमारा किया हर कर्म (अच्छा या बुरा) एक प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है. इसे आप किसी न किसी रूप में अनुभव करते ही हैं

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जैसी करनी, वैसी भरनी

आपके जीवन की मौजूदा परिस्थितियां पूर्व कर्मों का परिणाम हो सकती हैं. आय, स्वास्थ्य, संबंध जैसे जीवन के पहलू कर्मों से जुड़े माने जाते हैं

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वर्तमान जीवन 

माना जाता है कि सकारात्मक सोच और प्रयास का फल देर-सवेर जरूर मिलता हैं. ईमानदारी, मेहनत और दया का असर धीरे-धीरे जीवन में दिखता है

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सोच और प्रयास

माना जाता है कि दूसरों को हानि पहुंचाने वाला कर्म लौटकर आता है, जिसे "बुराई का फल बुरा" कहावत से भी जोड़ा जाता है

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कुकर्म लौटना तय

ये भी मान्यता है कि कर्मों का फल तुरंत नहीं मगर सही समय पर मिलता है. कभी-कभी परिणाम तुरंत नहीं दिखते लेकिन समय के साथ स्पष्ट होते हैं

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बुरे कर्मों का फल 

आपको कैसा फल मिलेगा ये आपका व्यवहार, आपकी छवि और संबंधों को तय होता है. जैसे कर्म, वैसा सामाजिक और मानसिक वातावरण

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आपका व्यवहार 

बुरे कर्मों से आत्मग्लानि और मानसिक पीड़ा होती है,  जिसका प्रभाव जीवन की शांति और संतुलन पर पड़ता है

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आत्मग्लानि

अच्छे कर्मों से आत्मसंतोष और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. इससे जीवन में प्रगति और संतुलन आता है

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अच्छे कर्म का फल

वहीं धार्मिक ग्रंथों और जीवन अनुभवों से भी यह सिद्ध होता है. रामायण, महाभारत, गीता से लेकर आम ज़िंदगी में भी इस सिद्धांत की पुष्टि होती है

नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...

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ग्रंथों में क्या है?