किचन से जुड़ी ये वास्तु गलतियां तो नहीं करते आप?

08 July 2025

By: KisanTak.in

रसोई को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में नहीं बनाना चाहिए. यह दिशा पूजा-पाठ और जल तत्व के लिए होती है. यहां किचन बनाना अशुभ माना जाता है

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रसोई की दिशा

चूल्हा और पानी पास-पास रखने से वास्तु दोष आता है. आग (चूल्हा) और जल (सिंक, वाटर फिल्टर) का आमना-सामना टकराव का कारण बनता है

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जल और पानी साथ

घर के मुख्य द्वार के सामने किचन नहीं होना चाहिए. वास्तु के मुताबिक, किचन सीधे दरवाजे के सामने होने से धन और ऊर्जा बाहर निकल जाती है

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मेन गेट के सामने 

खाना बनाते वक्त आपकी पीठ पश्चिम या उत्तर की ओर होनी चाहिए. दक्षिण की ओर मुंह करना नकारात्मक ऊर्जा का संकेत है

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दक्षिण में चूल्हे का मुंह

काले या गहरे रंगों से किचन की पुताई ना करें. इसलिए किचन में हल्के रंग जैसे क्रीम, हल्का पीला या नारंगी रंग शुभ माने जाते हैं

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किचन का रंग

किचन में टूटी प्लेटें, ग्लास, चाकू आदि रखना दुर्भाग्य और आर्थिक परेशानी ला सकता है. इसलिए टूटी चीजें तुरंत किचन से निकालें

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टूटी हुई चीजें न रखें

ये भी ध्यान रखें कि भारी सामान ऊपरी अलमारी में न रखें. इससे मानसिक दबाव और असंतुलन की संभावना बढ़ती है. भारी बर्तन नीचे रखें

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भारी बर्तन नीचे रखें

कभी भी फ्रिज को दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए. वास्तु के मुताबिक, यह आग और बिजली की दिशा है. फ्रिज जैसे भारी और ठंडे उपकरण दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें

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फ्रिज की दिशा

रसोई में झाड़ू या कूड़ेदान को खुला न रखें. अपनी किचन में साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें और झाड़ू या डस्टबिन को ढंककर दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना चाहिए

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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है

झाड़ू या कूड़ेदान