कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है
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आंवले की पूजा के इस दिन खास रूप से व्रत किया जाता है
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इस पूजा को लोग आंवला नवमी या अक्षय नवमी के नाम से पुकारते हैं
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इस बार ये व्रत 21 नवंबर को किया जाएगा
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इस दिन आंवले की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाकर रोली ,अक्षत, पुष्प, गंध आदि से अर्चना करते हैं
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आंवला के पेड़ पर मौली बांधकर भगवान विष्णु से मन्न मानते हैं
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कहते हैं आवंले को खाना और पूजा करने से इस दिन अन्नत फल मिलते हैं
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कहते हैं,एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आईं
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रास्ते में भगवान विष्णु और शिव की पूजा साथ करने का मन किया
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तभी तुलसी और बेल के गुण एक साथ आंवले में देखा
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तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और बेल शिव को तो आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिह्न मानकर उन्होंने पूजा की
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पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए तो मां ने उनको वहां भोजन करवाया
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इसके बाद से ही ये त्योहार धूमधाम से मनाते हैं
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नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है