आयुर्वेद में बीमारियों को उपचयजन्य और क्षयजन्य में बांटा गया है
Credit: pinterest
उपचयजन्य में मोटापा, डायबिटीज, बीपी, सांस फूलना और बुखार जैसी बीमारी आती हैं
Credit: pinterest
सर्दी जुकाम और कैंसर जैसी बीमारी भी उपचयजन्य में आती हैं
Credit: pinterest
क्षयजन्य बीमारियों में शरीर में पोषण और विटामिन की कमी वाली बीमारियां आती हैं
Credit: pinterest
आयुर्वेदिक चिकित्सक मानते हैं कि उपचयजन्य बीमारियों में फास्टिंग असरदार होती है
Credit: pinterest
उपवास करने से शरीर में कफ को बैलेंस किया जा सकता है. कफ बीमारियों को बढ़ाता है
Credit: pinterest
आयुर्वेद में उपचयजन्य बीमारियों को ठीक करने के लिए उपवास का सहारा लेते हैं
Credit: pinterest
फास्टिंग इतनी असरदार होती है कि कई स्टडी में कैंसर को भी मात देती है
Credit: pinterest
उपवास करने से शरीर की ऊर्जा पाचन तंत्र की बजाय शरीर की रिपेयरिंग में लग जाती है
Credit: pinterest
नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है