23 June 2025
By: KisanTak.in
धीमा और मधुर संगीत दिमाग को शांत करता है. इससे कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) कम होता है
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सोने से पहले शांत संगीत सुनने से नींद गहरी और लंबी आती है, खासकर इंसोम्निया (नींद की कमी) वालों को
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शांति देने वाला संगीत हार्ट रेट को संतुलित करता है और बीपी को कम करने में भी मदद करता है
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पसंदीदा गाने डोपामिन नामक हैप्पी हार्मोन रिलीज करते हैं, जिससे मूड में पॉज़िटिव बदलाव आता है
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म्यूजिक थेरेपी से शरीर में दर्द की अनुभूति कम होती है. खासकर किसी पुराने दर्द और ऑपरेशन के बाद
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बैकग्राउंड में हल्का इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक पढ़ाई या काम के दौरान फोकस बढ़ाने में मदद करता है
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कुछ स्टडीज़ बताती हैं कि क्लासिकल म्यूजिक से स्मृति और ब्रेन एक्टिविटी बेहतर होती है
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एनर्जेटिक बीट्स वाला म्यूजिक वर्कआउट में जोश बढ़ाता है, थकान कम लगती है और परफॉर्मेंस सुधरती है
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संगीत थेरेपी से डिप्रेशन और मानसिक थकान में राहत मिलती है. खासकर अगर संगीत खुद की पसंद का हो
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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