30 June 2025
By: KisanTak.in
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की मांसपेशियों तक खून का प्रवाह रुक जाता है. वहीं कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है
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हार्ट अटैक धमनी में कोलेस्ट्रॉल के ब्लॉकेज से आता है और कार्डियक अरेस्ट का कारण कार्डियक सिस्टम में खराबी है, जिससे धड़कन रुक जाती है
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हार्ट अटैक धीरे-धीरे या अचानक हो सकता है. लेकिन कार्डियक अरेस्ट बिल्कुल अचानक होता है, व्यक्ति बेहोश और सांस रुक जाती है
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सीने में दबाव/दर्द, पसीना, मतली, सांस फूलना हार्ट अटैक के लक्षण हैं. वहीं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण अचानक गिर जाना, धड़कन और सांस एकदम रुक जाना हैं
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हार्ट अटैक वाला मरीज आमतौर पर होश में रहता है मगर कार्डियक अरेस्ट में मरीज़ बेहोश हो जाता है और प्रतिक्रिया नहीं देता
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हार्ट अटैक के केस में ब्लड फ्लो बहाल करने के लिए दवाएं, एंजियोप्लास्टी या स्टेंट लगाया जा सकता है. कार्डियक अरेस्ट में तुरंत CPR और डिफिब्रिलेटर की जरूरत होती है
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हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट को ट्रिगर कर सकता है, लेकिन हर कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक की वजह से नहीं होता
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ECG, ब्लड टेस्ट और एंजियोग्राफी से हार्ट अटैक की जांच हो सकती है. कार्डियक अरेस्ट क्लिनिकल स्थिति से ही तुरंत पहचाना जाता है
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हार्ट अटैक में मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं, समय रहते इलाज जरूरी है. वहीं कार्डियक अरेस्ट में 1 मिनट भी बिना गंवाएं CPR और AED से तुरंत दें
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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