05 July 2025
By: KisanTak.in
ऐसे पौधों की कटिंग लें जो कलम से आसानी से उगते हैं. मनीप्लांट, गुड़हल, गुलाब, शेफलेरा, पुदीना, तुलसी, चमेली जैसे पौधे चुनें
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हमेशा ताजा और स्वस्थ शाखा से 4–6 इंच लंबी कटिंग लें, जिस पर कम से कम 2–3 गांठें भी हों. कोशिश करें कि बहुत पुरानी या बहुत कोमल टहनी न काटें
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अब इस कटिंग के निचले हिस्से की पत्तियां हटा दें, वरना ये मिट्टी में सड़ जाएंगी. ऊपर की 1–2 पत्तियां रहने दें ताकि पौधा धूप सूख सके
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अगर संभव हो तो कटिंग को लगाने से पहले रूटिंग हार्मोन पाउडर लगाएं. चाहें तो शहद या एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं, इससे जड़ बनने में मदद मिलती है
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जब कटिंग लगाएं तो मिट्टी में अच्छी ड्रेनेज होनी चाहिए. इसके लिए 50% बागवानी मिट्टी + 25% रेत + 25% गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिला सकते हैं
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ध्यान रहे कि कटिंग सीधे धूप में न रखें. इन्हें ऐसी जगह लगाएं जहां अप्रत्यक्ष धूप हो और हवा भी ठीक मिलती रहे. मगर तेज बारिश से बचाएं
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जब कटिंग लगाएं तो गमले की मिट्टी हमेशा हल्की-सी नम होनी चाहिए. ज्यादा पानी देने से कटिंग सड़ सकती है. छिड़काव से नमी बनाए रखें
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कटिंग को धीरे से खींचकर देखें, अगर हल्का रुकावट महसूस हो तो समझिए जड़ें बनने लगी हैं. कोई फफूंदी या सड़न दिखे तो कटिंग बदलें
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जब कटिंग की जड़ें अच्छी तरह बन जाएं और नई पत्तियां निकलने लगें तो इन्हें बड़े गमले या जमीन में स्थायी रूप से शिफ्ट करें
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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