02 June 2025
By: KisanTak.in
घरेलू जैविक कचरा जैसे - सब्जियों और फलों के छिलके, चायपत्ती, अंडे के छिलके, बासी रोटी, किचन पेपर/टिशू, पुराने फूल-पत्ते
Credit: pinterest
सूखे पत्ते, पुराने अखबार के टुकड़े, लकड़ी का बुरादा, नारियल की भूसी भी जुटाएं. ये “ब्राउन मटेरियल” कहलाते हैं और नमी कंट्रोल करते हैं
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अब पुराना बाल्टी, प्लास्टिक डब्बा या मिट्टी का मटका भी चलेगा. इसके नीचे कुछ छेद करें ताकि हवा और पानी का निकास हो सके
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इस कंटेनर के सबसे नीचे सूखे पत्ते या अखबार की परत लगाएं. इससे बदबू नहीं आएगी और सड़न रुकेगी
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अब इसमें एक परत गीले जैविक कचरे की (छिलके वगैरह) और फिर एक परत सूखे मटेरियल की डालें. यही तरीका दोहराते रहें
फिर इसे एक लकड़ी की छड़ी या पुराने बेलन से अंदर का मिश्रण हिलाएं ताकि ऑक्सीजन मिले और सड़ने की प्रक्रिया तेज हो
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अगर मिश्रण बहुत सूखा लगे तो थोड़ा पानी छिड़कें. हालांकि बहुत गीला होगा तो बदबू आएगी, इसलिए पानी कम छिड़कें
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धीरे-धीरे यह जैविक कचरा खाद में बदल जाएगा. फिर इसका रंग गाढ़ा भूरा हो जाएगा और मिट्टी जैसी खुशबू आने लगेगी
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जब कम्पोस्ट तैयार हो जाए, तो उसे छानकर गमलों की मिट्टी में डालें. यह पौधों की जड़ों को मज़बूत और मिट्टी को उपजाऊ बनाता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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