10 June 2025
By: KisanTak.in
इलायची को कलम या राइज़ोम (जड़ वाली टहनी) से उगाया जा सकता है. हालांकि ये बीज से भी लह सकती है, लेकिन उसमें समय ज्यादा लगता है
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इलायची के लिए गमले का साइज़ कम से कम 12-14 इंच गहरा और चौड़ा होना चाहिए. गमले में नीचे जल निकासी का छेद जरूर खोलें ताकि पानी जमा न हो
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इसके लिए 40% बागवानी मिट्टी + 30% गोबर की खाद + 20% रेत + 10% नारियल भूसी या वर्मी कम्पोस्ट से पॉटिंग तैयार करें
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इलायची को सीधी धूप नहीं चाहिए. इसे छायादार, नम और हवादार जगह में रखें – जैसे बालकनी का घर का कोना या पेड़ के नीचे
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ये ध्यान रहे कि इसकी मिट्टी न ज्यादा सूखी रहे और न पानी में डूबी होनी चाहिए. गर्मियों में हर 2-3 दिन पर पानी दें और सर्दियों में कम करें
पौधे पर से सूखे पत्तों को हटा दें और मिट्टी को हल्का कुरेदें ताकि जड़ें सांस ले सकें. अगर कोई चारा दिखें तो उसे भी उखाड़ दें
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इलायची के पौधे में हर 30–40 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. साल में 2 बार पोटाश या नीम की खली भी मिलाई जा सकती है
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अगर इलायची की पत्तियों पर मकोड़े दिखें तो नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़कें. ज्यादा नमी से फफूंदी लगे तो गमले की मिट्टी बदलें
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गमले में लगाई इलायची पर फल आने में 2-3 साल लग सकते हैं. लेकिन हरे पत्ते और सुगंध भी अपने आप में फायदे की चीज़ हैं
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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