18 June 2025
By: KisanTak.in
साबूदाना अनाज नहीं बल्कि टैपिओका रूट से बनता है, जो व्रत में खाया जा सकता है. इसलिए उपवास के दौरान इसका सेवन सही होता है
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साबूदाना कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है. व्रत के समय शरीर को ऊर्जा कम मिलती है, ऐसे में साबूदाना ताकत देने का काम करता है
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साबूदाना और दूध से बनी खीर हल्की होती है और पाचन में आसानी होती है, जिससे व्रत में पेट भारी नहीं लगता
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खीर में डाला गया दूध, काजू, बादाम और किशमिश प्रोटीन, फैट और मिनरल्स देते हैं. यह व्रत के दौरान संपूर्ण पोषण का काम करते हैं
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साबूदाने की खीर स्वाद में मीठी होती है, लेकिन इसमें लहसुन-प्याज या मसाले नहीं होते. यानी व्रत की सात्विकता बनी रहती है
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साबूदाना धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज करता है, जिससे व्रत के समय लंबे समय तक भूख नहीं लगती और थकावट नहीं होती
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दूध और साबूदाना दोनों में तरलता होती है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं, खासकर गर्मियों के उपवास में
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व्रत में कमजोरी या चक्कर आना आम है. ऐसे में साबूदाने की खीर तुरंत ऊर्जा देकर राहत देती है
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भारतीय संस्कृति में उपवास के भोजन में साबूदाना शामिल करना परंपरा है, खासकर नवरात्रि, एकादशी और महाशिवरात्रि जैसे व्रतों में
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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