05 July 2025
By: KisanTak.in
मीठा खाने से दिमाग में डोपामिन रिलीज होता है. ये हार्मोन खुशी और संतुष्टि का एहसास दिलाता है. खाने के बाद दिमाग ये चीज चाहता है
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भोजन के बाद शरीर खून में इंसुलिन रिलीज करता है, इससे ब्लड शुगर होती है. जब शुगर लेवल थोड़ा गिरता है, तो शरीर को ग्लूकोज की इच्छा होती है
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आपका खाने से तो पेट भर जाता है, लेकिन स्वाद की लालसा खत्म नहीं भरती. ऐसे में मिठास खाने के अनुभव को "पूरा" महसूस कराती है
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कुछ लोगों में बचपन से मिठाई खाने की परंपरा या परिवार की आदतें इसे एक आदत की तरह बना देती हैं
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कुछ लोगों को लगता है कि मीठा खाने से पाचन बेहतर होता है, जैसे सौंफ या मिश्री खाना. आगे जाकर ये आदत मानसिक रूप से जुड़ जाती है
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दरअसल, मीठा खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है. खाना खाने के बाद आई सुस्ती को कुछ लोग मीठा खाकर दूर करने की कोशिश करते हैं
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भोजन के दौरान नमकीन, तीखा और खट्टा स्वाद होता है. ऐसे में मीठा उसका संतुलन बनाता है. स्वाद के संतुलन का ये अनुभव मन को तृप्त करता है
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दरअसल, भोजन के बाद शरीर से सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज होता है. फिर मीठा खाने से इसका स्तर और बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है
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खाने के बाद मिठाई की कहावतें, रिवाज़ और विज्ञापन हमारे दिमाग में बैठ चुके हैं. इसलिए मीठा खाना एक ट्रेडिशन लगता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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