किसानों को खेती के काम में ट्रैक्टर हर तरह के हालातों में चलाना पड़ता है
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कभी-कभी फिसलन भरे और पानी से भरे खेतों में भी चलाना पड़ता है
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लेकिन इन हालातों में ट्रैक्टर के पहिए लोड नहीं ले पाते और स्लिप होने लगते हैं
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इसी से निपटने के लिए किसान ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरकर काम चलाते हैं
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ट्रैक्टर के पहियों में पानी भरने को बैलैस्टिंग ऑफ टायर्स कहा जाता है
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ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरने से पहियों पर वजन बढ़ता है और इससे घर्षण बढ़ जाता है
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बता दें कि एग्रीकल्चरल मशीनों के टायरों में लगे वॉल्व 'एयर और वॉटर टाइप' के होते हैं
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बैलैस्टिंग ऑफ टायर्स के दौरान ट्रैक्टर के टायरों में 60 से 80 प्रतिशत तक पानी भरा जा सकता है
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खास तौर पर जवभराव वाले खेत और धान के खेतों में ट्रैक्टर चलाते वक्त टायरों में पानी भरा जाता है
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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है