बेनेफिट्स से भरपूर है चने की ये वैराइटी, आज ही करें खेती!
आज हम जिस चने के बारे में बात करने जा रहे हैं वह काबुली चना है
कहते हैं कि पहले अफगानिस्तान के लोग देश में चने बेचते थे
अब काबुली चने की खेती किसानों के लिए मुनाफे से भरी है
काबुली चना रबी सीजन की दलहन फसल है
बुवाई का उचित समय अक्टूबर से नंवबर तक मानते हैं
उत्तर भारत में चना की खेती धान की कटाई के बाद होती है
भारतीय जलवायु के हिसाब से सभी तरह की भूमि में हो सकती है खेती
अच्छी पैदावार के लिए उचित जल निकास वाली बलुई दोमट अच्छी है
इसकी खेती के लिए शीतोषण जलवायु उपयुक्त होती है
शुरुआत में इसके पौधों को अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री के आसपास तापमान चाहिए होता है
दानों के पकने के दौरान 25 से 30 डिग्री के बीच तापमान की जरूरत होती है
काबुली चना बोने से पहले खेत की मिट्टी का रासायनिक परीक्षण करवाना चाहिए
काबुली चने की फसल को रोगों के बचाने के उपाए करने चाहिए
input:Aajtak
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