09 June 2025
By: KisanTak.in
चने की जड़ में राइजोबियम बैक्टीरिया होता है जो हवा से नाइट्रोजन खींचकर खुद इस्तेमाल करता है. इससे मिट्टी में भी नाइट्रोजन जुड़ जाती है और मिट्टी की भी उर्वरता बढ़ती है
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सामान्यत इसे 5–10 किलो DAP/यूरिया प्रति एकड़ ही काफी होता है. कई किसान तो बिना रासायनिक खाद के भी चना उगाते हैं
प्रति एकड़ 1–2 टन सड़ी हुई गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालना पर्याप्त होता है. इसमें मिट्टी को भी सुधारने की ताकत होती है
चना कम पानी में भी चल जाता है, इसलिए सिंचाई और खाद दोनों में बचत होती है. सिंचाई सिर्फ 1–2 बार चाहिए होती है, वो भी अगर बारिश न हो
खाद पर खर्च लगभग ₹300–₹600 प्रति एकड़ आता है, जबकि धान या गेहूं में यही खर्च ₹2,000–₹4,000 तक लगता है
चने की फसल से खाद की कमी को आप काबू में रख सकते हैं. इससे पौधा पोषण को अच्छे से इस्तेमाल कर पाता है
चना बोने के बाद आप गेहूं, मक्का या सब्जी उगाएं. इससे उन सबको मिट्टी से अतिरिक्त नाइट्रोजन मिलेगा
एक एकड़ में ₹7,000–₹10,000 की लागत आती है और लगभग 5–6 क्विंटल चना हो जाता है. जिसका बाजार मूल्य ₹5,000–₹7,000 प्रति क्विंटल मिलता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...