14 June 2025
By: KisanTak.in
मोठ की फसल बहुत कम पानी में भी उगती है. इसके बीज और खाद पर कम खर्च होता है. ये जल्दी पकने वाली फसल है जो सूखा सहन कर सकती है
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कम सिंचाई में मूंग बढ़िया उत्पादन देती है. इसकी जैविक खाद से भी उपज होती है. साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है
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कपास की देसी किस्में कम पानी में भी टिकती हैं. हाइब्रिड के मुकाबले कपास की देसी किस्में सस्ती होती हैं. इसकी बाजार में हमेशा मांग रहती है
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ये सूखा सहन करने वाली फसल है और इसका बीज भी सस्ता मिलता है साथ ही सिंचाई भी कम चाहिए होती है. पशुओं के लिए चारा भी मिलता है
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कम पानी में भी ज्वार अच्छी बढ़वार देती है. सामान्य खाद से भी उपज अच्छी होती है. इसका फायदा ये है कि अनाज और चारा दोनों के काम आता है
ये सूखा-प्रतिरोधी तेल वाली फसल है जो कम लागत में ज्यादा उपज देती है. तिल के तेल की कीमतें हमेशा मजबूत रहती हैं
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एक बार पानी देने से भी अरहर बढ़ जाती है. इसमें बीज और कीटनाशक कम लगते हैं. दलहन की अच्छी बाजार कीमत मिलती है
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संकर बाजरा की फसल कम समय में पक जाती है. इसके उन्नत बीज से ज्यादा उत्पादन मिलेगा और सूखा क्षेत्र के लिए बेहतरीन विकल्प है
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ग्वार शुष्क क्षेत्र की आदर्श फसल मानी जाती है. ये कम खाद-पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है. गोंद और सब्जी दोनों के लिए प्रयोग होता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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