11 June 2025
By: KisanTak.in
अत्यधिक जुताई से मिट्टी के बारीक कण पाउडर जैसे हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की प्राकृतिक संरचना कमजोर हो जाती है
Credit: pinterest
बारीक हुई मिट्टी के कण हवा और पानी के साथ आसानी से बह या उड़ जाते हैं, जिससे मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत का कटाव बढ़ जाता है
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मिट्टी में कई लाभदायक सूक्ष्म जीव और केंचुए होते हैं जो मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद करते हैं. अधिक जुताई से ये सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं
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बार-बार जुताई करने से मिट्टी में मौजूद जैविक पदार्थ का अपघटन तेजी से होता है और उसका स्तर कम हो जाता है
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लगातार एक ही गहराई पर जुताई करने और भारी मशीनों के उपयोग से मिट्टी की निचली सतह पर एक कठोर परत बन जाती है
मिट्टी की संरचना बिगड़ने और कठोर परत बनने से मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे बारिश का पानी खेत में रुक सकता है
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जुताई करने से मिट्टी में दबे खरपतवारों के बीज सतह पर आ जाते हैं और अंकुरित हो जाते हैं, जिससे खरपतवार की समस्या बढ़ सकती है
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बार-बार जुताई करने से किसान का ईंधन और समय दोनों अधिक लगता है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है
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भारी कृषि मशीनों के बार-बार खेत से गुजरने और अत्यधिक जुताई करने से मिट्टी के कणों के बीच का खाली स्थान कम हो जाता है, इससे हवा और पानी का आवागमन बाधित होता है
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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