धान के उत्पादन में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और जिंक का योगदान अहम होता है
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धान की लंबी किस्म उगा रहे हैं तो में खेत में मिट्टी की जांच के आधार पर खाद डालना चाहिए
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बासमती की लंबी किस्मों की खेती के लिए 60 किलो प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन की मात्रा पर्याप्त है
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इसकी आखिरी जुताई के समय खेत में एसएसपी, एमओपी और जिंक की पूरी मात्रा खेत में डालें
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जब पौधा मिट्टी में अच्छी पकड़ बना ले तो यूरिया की तिहाई मात्रा रोपाई के 5 दिन बाद छिड़कें
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दूसरी एक तिहाई की मात्रा रोपाई के 25-30 दिनों के बाद कल्ले फूटते समय खेत में डालें
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बाकी बची एक तिहाई यूरिया का फूल आने से पहले 50-60 दिनों बाद खड़ी फसल में छिड़काव करें
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ध्यान रहे कि खेत में यूरिया डालने के 24 घंटे बाद ही पानी दें
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अगर खेत में हरी खाद डाली है तो यूरिया की मात्रा 25-30 किलो प्रति हेक्टेयर तक कम कर दें
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नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है