खरीफ में करनी है मूंग की खेती तो इन बातों को नोट कर लें

26 June 2025

By: KisanTak.in

खरीफ मूंग के लिए जल्दी पकने वाली और रोग-रोधी किस्में चुनें. SML-668, PDM-139, GM-4, Samrat जैसा मू्ंग की किस्में बेहतर हैं

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सही किस्म का चुनाव

मूंग के लिए खेत को अच्छी तरह जोतें. 2-3 बार हल चलाकर मिट्टी भुरभुरी कर लें. अंतिम जुताई में 6 से 8 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद मिलाएं

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खेत की तैयारी

खरीफ के लिए जून के अंत से जुलाई का पहला सप्ताह सबसे उमदा वक्त है. मगर देरी से बुवाई की तो फूल और दाने बारिश में खराब हो सकते हैं

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बुवाई का सही समय

मूंग की बुवाई से पहले बीज को फफूंदनाशक, जैसे- थायरम या कार्बेन्डाजिम और राइजोबियम कल्चर से ट्रीट करें

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बीज उपचार जरूरी

मूंग की कतार से बुवाई करें, पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखें. बीज की गहराई 4–5 सेमी हो

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सही बुवाई विधि

DAP 50 किलो प्रति एकड़ या N:P = 20:40 के अनुपात में डालें. जैविक खाद के रूप में गोबर खाद + जैव उर्वरक (Rhizobium + PSB)

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खाद और उर्वरक

मूंग की बुवाई के 15–20 दिन बाद पहली गुड़ाई करें. फिर जरूरत पड़े तो प्री-इमर्जेंस हर्बीसाइड का छिड़काव भी करें

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खरपतवार नियंत्रण

मूंग में पीला मौज़ेक वायरस, चूसक कीट और सफेद मक्खी लगते हैं. बचाव के लिए नीम आधारित कीटनाशक या इमिडाक्लोप्रिड छिड़कें

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रोग और कीट प्रबंधन

जब 80% फली पक जाए और हल्की पीली हो जाए, तब मूंग की कटाई शुरू करें. मूंग का जब भंडारण करें तो नमी 10% से कम होनी चाहिए

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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है

फसल की कटाई