गेहूं की खेती किसान बड़े रूप में करते हैं
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गेहूं की बुवाई दिसंबर के अंत या जनवरी के पहले हफ्ते तक की जाती है
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देरी से बुवाई से अच्छी लागत के बावजूद उत्पादन कम होता है
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वहीं, परंपरागत विधि की जगह जीरो टिलेज तकनीक से बुवाई के समय में 15-20 दिनों की बचत होती है
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साथ ही ये उत्पादकता को ज्यादा बरकरार रखती है
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जीरो टिलेज से बुवाई से खेत की जुताई करने के लिए टाइम खराब नहीं करना होता
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जीरो टिलेज मशीन से गेहूं के बीजों की बुवाई करना फायदेमंद रहता है
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इस तरह अलग से सिंचाई करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है
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धान की कटाई के बाद खेत को जोते बिना मशीन की मदद से सीधी कतार में बुवाई की तकनीक है जीरो टिलेज
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खरीफ सीजन केबाद इस तकनीक से गेहूं की बुवाई करना अच्छा होता है
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जीरो टिल- सीड-ड्रिल आमतौर पर इस्तेमाल में लाई जाने वाली सीड ड्रिल जैसी है
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इस तकनीक से बोई गई फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 15-20 दिनों में करें
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नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...