30 May 2025
By: KisanTak.in
दशहरी, लंगड़ा, आम्रपाली, केसर और मालदा जैसी किस्में छोटे किसानों के लिए बेहतर होती हैं. अपने इलाके की मिट्टी और मौसम के हिसाब से किस्म चुनें
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आम के लिए दोमट या हल्की रेतीली मिट्टी अच्छी होती है, जिसका pH 5.5 – 7.5 हो. बुवाई से पहले खरपतवार हटाकर खेत को समतल करें. गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी नरम हो जाए और पानी न भरे
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गड्ढे का साइज 1x1x1 मीटर का रखें. पौधों के बीच 10x10 मीटर की दूरी रखें, हाई डेंसिटी के लिए 5x5 मीटर हो. गड्ढे में गोबर की खाद, नीमखली और ट्राइकोडर्मा मिलाएं
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स्वस्थ नर्सरी से पौधा लें, ग्राफ्टेड (कलम वाला) पौधा जल्दी फल देता है. जून–जुलाई (मानसून की शुरुआत में) रोपण के लिए सबसे अच्छा समय है
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शुरुआत में हर 7–10 दिन में सिंचाई करें. बड़े पेड़ के लिए गर्मी में 15–20 दिन में और सर्दी में 25–30 दिन में सिंचाई करें. ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत और जड़ तक सही नमी मिलती है
जैविक खाद के तौर पर गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और नीम खली बढ़िया है. रासायनिक उर्वरक NPK साल में 2 बार जून और अक्टूबर में खाद दें
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एन्थ्रेक्नोज, गूटी मर्ज, पाउडरी मिल्ड्यू जैसे सामान्य रोग हो सकते हैं. आम की मक्खी, तना छेदक, मिलीबग जैसे कीट लग सकते हैं. इसके लिए जैविक स्प्रे, ट्रैप, या कम विषैले कीटनाशक डालें
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फसल कटाई के बाद यानी जुलाई–अगस्त के दौरान आम की छंटाई करें. सूखी, रोगग्रस्त और उलझी शाखाएं काटें
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कटाई का समय मार्च से जून (किस्म के अनुसार) होता है. तोड़ते समय सावधानी रखें कि इसे डंठल के साथ काटें, सीधे जमीन पर न गिराएं
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
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