30 June 2025
By: KisanTak.in
मूंगफली के लिए हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे बेस्ट है. इसमें जल निकासी अच्छी होनी चाहिए, वरना फसल गल सकती है
Credit: pinterest
मूंगफली की प्रमाणित, रोगमुक्त और उच्च उत्पादन वाली किस्में चुनें. JL-24, TG-37A या ICGV-91114 ले सकते हैं. बुवाई से पहले बीज को उपचारित करें
Credit: pinterest
खरीफ में मूंगफली के लिए जून के मध्य से जुलाई तक और रबी के लिए नवंबर के पहले सप्ताह तक बुवाई कर लें. समय से बुवाई फसल को मौसम की मार से बचाती है
Credit: pinterest
बुवाई करते वक्त कतार से कतार की दूरी 30-40 सेमी और पौधों के बीच 10-15 सेमी का फासला रखें. 4-5 सेमी गहराई तक बुवाई करें
Credit: pinterest
जब उबल जाएं तो इनका पानी झटककर साफ सूती कपड़े पर फैला दें और अच्छे से सूखा लें. अगर इनमें नमी रही तो चिप्स कड़क नहीं बनेंगे
Credit: pinterest
बुवाई के समय प्रति एकड़ 8-10 टन गोबर की खाद, 20-30 किलो नाइट्रोजन, 60-80 किलो फॉस्फोरस डालें. कैल्शियम और बोरॉन भी फली बनने में मदद करते हैं
Credit: pinterest
इसकी खरपतवार 20 और 45 दिन बाद निकालना जरूरी है. इससे खेत के पोषक तत्व सिर्फ मूंगफली को मिलते हैं
Credit: pinterest
मूंगफली की पत्ती पर धब्बा, मोज़ेक, सफेद मक्खी और थ्रिप्स पर नजर रखनी पड़ती है. समय-समय पर जैविक या रासायनिक दवाएं छिड़कें
Credit: pinterest
जब मूंगफली की पत्तियां पीली पड़ने लगें और फली सख्त हो जाए तो समझिए खुदाई का वक्त आ गया. इसके बाद धूप में अच्छी तरह सुखाएं
नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...
Credit: pinterest