ज्यादातर लोग डेयरी के काम में गाय की बजाय भैंस पर ही दांव लगाते हैं
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इसलिए हम आपको एक कम खर्च वाली बढ़िया नस्ल की गाय थारपारकर के बारे में बता रहे हैं
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थारपारकर गाय रेगिस्तानी इलाके की है, इसलिए ये गर्म जलवायु में आसानी से रहती है
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गाय की इस नस्ल को ज्यादा देखभाल या महंगे चारे की जरूरत नहीं होती
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सबसे बड़ी खासियत है कि थारपारकर रोजाना 8-10 लीटर तक दूध दे सकती है
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इसके दूध में फैट और SNF (Solids Not Fat) अच्छा होता है, जिससे घी-मक्खन ज्यादा बनता है
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थारपारकर में प्राकृतिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, जिससे दवाइयों का खर्च भी कम होता है
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थारपारकर की नस्ल के बैल हल और गाड़ी खींचने के काम भी आते हैं
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ये गाय स्थानीय माहौल के अनुकूल है. खासकर राजस्थान, गुजरात जैसे सूखे क्षेत्रों में आसानी से ढल जाती है
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नोट: ये खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है