बरसात में पशुओं को इन बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा, जानें उपाय

06 July 2025

By: KisanTak.in

ये रोग वायरस से फैलता है और जानवरों के मुंह और पैरों में छाले हो जाते हैं. बचाव के लिए साल में दो बार वैक्सीनेशन कराएं

खुर-पका, मुंह-पका

ये रोग खासकर बरसात में ही फैलता है और इसमें पशु को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और गले में सूजन होती है. जून–जुलाई में HS का टीका जरूर लगवाएं

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गलघोंटू

गीली जगह या गंदे हाथों से दूध दुहने पर गाय-भैंस के थनों में संक्रमण हो जाता है. इसलिए दूध दुहते समय हाथ और थन साफ रखें. गाय को कीचड़ से दूर रखें

थनैला

गंदा पानी पीने या खराब चारा खाने से पशु को दस्त लगने लगते हैं. गाय-भैंस को साफ पानी दें और साथ ही चारे को ढककर रखें

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अतिसार (डायरिया/दस्त)

गाय-भैंस को गीली मिट्टी और दूषित चारे से पेट में कीड़े हो जाते हैं, जिससे वजन और दूध कम हो जाता है. हर 3 महीने में डिवॉर्मिंग की दवा दें, चारा और पानी साफ रखें

पेट के कीड़े

अगर गाय-भैंस लगातार कीचड़ में खड़े रहेंगे तो उनके खुरों में सड़न और दर्द हो सकता है. इसलिए पशु के खुरों की सफाई करें और उनका शेड भी सूखा और साफ रखें

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सड़े नाखून 

बरसात में अचानक ठंडी हवा या भीगने से पशुओं के फेफड़ों में संक्रमण का डर रहता है. रात को जानवरों को छतदार शेड में रखें और बारिश से बचाएं

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फेफड़ों का संक्रमण

इस मौसम में मच्छर, टिक और मक्खियों से ज्यादा बीमारियां फैलती हैं. ऐसे में मच्छरदानी, कीट-रोधी दवा और जानवर की नियमित सफाई जरूरी है

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मच्छर और कीड़ों से बीमारी

लगातार बीमारी या गंदे वातावरण में रहने से जानवर कमजोर होता है. इसके लिए मिनरल मिक्स्चर, हरा चारा और विटामिन सप्लीमेंट खिलाते रहें

नोट: खबर केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है...

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कम भूख और थकावट