आज हम आपको मुर्गों की कड़कनाथ नस्ल के बारे में बताएंगे. इसका मूल नाम कलामासी है
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कड़कनाथ नस्ल मूलतः मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्र में पाया जाता है
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इसके मीट में अन्य नस्लों के मुकाबले 25% प्रोटीन पाया जाता है और फैट बी बेहद कम होता है
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कड़कनाथ नस्ल के खून का उपयोग ब्लड प्रेशर से लेकर हृदय रोगों की दवा बनाने में होता है
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वहीं इसका मांस भी कई रोगों को ठीक करने में काम आता है
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कड़कनाथ नस्ल की मुर्गियां भी प्रतिवर्ष लगभग 80 अंडे देती हैं
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इस नस्ल की प्रमुख किस्में जेड ब्लैक, पेन्सिल्ड और गोल्डेन हैं
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ब्रॉयलर चिकन के मुकाबले कड़कनाथ मुर्गा तीन से पांच गुना ज्यादा महंगा बिकता है
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इस नस्ल की मुर्गियां अंडे भी काले ही देती हैं. लेकिन इन अंडों दाम भी बहुत ज्यादा होता है
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नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है